सपा और कांग्रेस के इन तीन सांसदों ने राज्यसभा से दिया इस्तीफा, सभापति ने किया स्वीकार
इसके बाद उन्होंने बताया कि जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए नियम 267 के तहत विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, सपा के रामगोपाल यादव, भाकपा के बिनॉय बिस्वम, माकपा इलामारम करीम, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह तथा कांग्रेस के भुवनेश्वर कालिता ने नोटिस दिए हैं। नायडू ने कहा ‘‘चूंकि कालिता ने उच्च सदन की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है इसलिए उनका नोटिस अब कोई मायने नहीं रखता।’’
नयी दिल्ली। राज्यसभा में सोमवार को समाजवादी पार्टी के सुरेन्द्र सिंह नागर, संजय सेठ और कांग्रेस के भुवनेश्वर कालिता के इस्तीफे की घोषणा की गयी। उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने नागर, सेठ और कालिता के इस्तीफे के बारे में सदन को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इन सदस्यों ने दो अगस्त को अपने अपने इस्तीफे दिये जिन्हें स्वीकार कर लिया गया है। राज्यसभा में उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर रहे सुरेंद्र सिंह नागर का कार्यकाल चार जुलाई 2022 तक था।संजय सेठ सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के करीबी माने जाते थे। उच्च सदन में उनका कार्यकाल भी 2022 तक था।
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इससे पहले 16 जुलाई को सपा के राज्यसभा सदस्य नीरज शेखर ने भी पार्टी और उच्च सदन की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। नीरज भाजपा में शामिल हो चुके हैं। कालिता उच्च सदन में कांग्रेस की ओर से असम का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। सभापति एम वेंकैया नायडू ने उनके इस्तीफे की सूचना दी। कालिता का उच्च सदन में कार्यकाल नौ अप्रैल 2020 तक था। इसके बाद उन्होंने बताया कि जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए नियम 267 के तहत विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, सपा के रामगोपाल यादव, भाकपा के बिनॉय बिस्वम, माकपा इलामारम करीम, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह तथा कांग्रेस के भुवनेश्वर कालिता ने नोटिस दिए हैं। नायडू ने कहा ‘‘चूंकि कालिता ने उच्च सदन की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है इसलिए उनका नोटिस अब कोई मायने नहीं रखता।’’
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