जम्मू कश्मीर में नहीं है लोकतंत्र, डर के साये में जी रहे लोग: गुलाम नबी आजाद
आजाद का दौरा तब मुमकिन हुआ, जब 16 सितंबर को उच्चतम न्यायालय ने उन्हें राज्य जाने की अनुमति दी थी। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कांग्रेस नेता को चार जिलों - श्रीनगर, जम्मू, बारामुला, अनंतनाग में लोगों से मिलने की अनुमति दी थी।
जम्मू। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने बुधवार को कहा कि पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के बाद राज्य में लोकतंत्र नहीं है और लोग डर के साये में जी रहे हैं। राज्य के अपने छह दिवसीय दौरे के आखिर में आजाद मीडिया से बात कर रहे थे। दिल्ली रवाना होने से पहले पूर्व मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘कश्मीर में निराशा है और जम्मू के लोग भी निराश हैं। सत्तारूढ़ दल (भाजपा) के 100-200 लोगों को छोड़कर कोई भी (अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को खत्म किए जाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेश में बांटने को लेकर) खुश नहीं है।’’
Former Jammu and Kashmir CM and Congress leader Ghulam Nabi Azad in Jammu after his visit to Kashmir: Administration ka itna aatank maine duniya mein kahin nahi dekha. Democracy naam ki state mein koi chiiz nahi hai. https://t.co/ESMln66Qz7
— ANI (@ANI) September 25, 2019
अपने दौरे के दूसरे चरण में आजाद मंगलवार को जम्मू पहुंचे थे। इससे पहले, उन्होंने तीन बार श्रीनगर पहुंचने की कोशिश की थी लेकिन प्रशासन ने हवाई अड्डे से उन्हें लौटा दिया था। आजाद ने कहा, ‘‘मैंने दुनिया में कहीं भी प्रशासन का ऐसा आतंक नहीं देखा है। दर्जा बदले जाने के बाद राज्य में कहीं भी लोकतंत्र नहीं है। राज्य से यह खत्म हो चुका है।’’ उन्होंने दावा किया कि लोग बात करने से कतरा रहे हैं। सबको लगता है कि कोई सरकार को इस बारे में बता देगा। उन्होंने कहा, ‘‘दर्जा बदलने के साथ आवाजें भी दबा दी गयी और अभिव्यक्ति की आजादी, प्रदर्शन की आजादी कहीं नहीं है।’’ कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, ‘‘अगर कोई बिजली-पानी की मांग को लेकर भी प्रदर्शन की बात कहता है, तो उससे पूछा जाता है कि वह भारत में किस जेल में जाना चाहता है?’’
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कश्मीर में चार दिन रहकर वहां से आने के ठीक बाद उन्होंने कहा था, ‘‘मैं घाटी में ठहरने के दौरान जिन स्थानों पर जाना चाहता था, उसके 10 प्रतिशत स्थानों पर भी प्रशासन ने मुझे जाने नहीं दिया।’’ आजाद का दौरा तब मुमकिन हुआ, जब 16 सितंबर को उच्चतम न्यायालय ने उन्हें राज्य जाने की अनुमति दी थी। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कांग्रेस नेता को चार जिलों - श्रीनगर, जम्मू, बारामुला, अनंतनाग में लोगों से मिलने की अनुमति दी थी।
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