लोकसभा में बोले शाह, शहरी माओवाद के लिए काम करने वाले के प्रति नहीं है कोई संवेदना
शाह ने कहा कि व्यक्ति विशेष को आतंकवादी घोषित करने के प्रावधान पर विपक्ष का कहना है कि इसे करने की जरूरत ही क्या है तो हमें ध्यान रखना चाहिए कि मसूद अजहर को हाल ही में संयुक्त राष्ट्र ने आतंकी घोषित किया है। जब हम किसी संगठन को आतंकवादी संगठन घोषित करते हैं तो वे वो संगठन बंद करके दूसरा संगठन खोल लेते हैं।
लोकसभा में विधि-विरुद्ध क्रियाकलाप (निवारण) संशोधन बिल पर चर्चा में हिस्सा लेने वाले सदस्यों का आभार जताते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि बार-बार संगठन खड़ा करने वालों को आतंकी घोषित कर उनका क्रूर चेहरा पूरी दुनिया में दिखाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस प्रावधान को लागू करने के दौरान काफी सावधानियां बरतीं गई हैं। उन्होंने कहा कि यासीन भटकल को आतंकी घोषित नहीं किया गया और कर दिया होता तो 12 बम धमाके बच जाते क्योंकि वो अलग नाम से काम करते रहे। पुलिस को कुर्की का अधिकार नहीं है और वह सिर्फ संपत्ति अटैच कर सकती है, कोर्ट के आदेश पर ही कुर्की संभव है। उन्होंने कहा इस कानून से संघीय ढांचे को किसी भी तरह से चोट नहीं पहुंचेगी, इंस्पेक्टर को जांच का अधिकार दिया है और उस जांच की बड़े अधिकारी निगरानी करेंगे, मकसद सिर्फ इतना है कि जल्द से जल्द जांच हो और दोषियों को सजा दिलाई जा सके। गृह मंत्री ने आतंकवाद को जड़ से उखाड़ने के लिए देश में कठोर से कठोर कानून की जरूरत की बात की। अमित शाह ने कहा कि हम विपक्ष में थे तब भी कहते थे कि आतंकवाद के खिलाफ कठोर कानून होना चाहिए। शहरी माओवाद (अर्बन माओइज्म) के लिए काम करने वालों के लिए हमारे मन में थोड़ी भी संवेदना नहीं।
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Home Minister Amit Shah in LS on Unlawful Activities (Prevention) Amendment Act Bill: When you question us you don't see who brought the law & amendments, who made it stringent. It was brought when you were in power, what you did then was right & what I'm doing now is also right. pic.twitter.com/1z8GKtOme2
— ANI (@ANI) July 24, 2019
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