हिमाचल का एक गांव ऐसा भी जहां अब तक नहीं पहुंचा है कोरोना
देवता की ईजाजत के बिना कोई भी गांव के अंदर नहीं आ सकता। आज के आधुनिक युग में दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र वाले मलाणा गांव का आज भी अपना ही कानून है। गांव में आख़री फ़ैसला ऊपरी सदन के हाथ में होता है। इसमें गांव के तीन अहम किरदार होते हैं। इनमें से एक किरदार जमलू देवता का प्रतिनिधि होता है।
शिमला। एक ओर देश दुनिया में कोरोना महामारी को लेकर हाहाकार मचा है वहीं हिमाचल प्रदेश में एक ऐसा इलाका भी जहां किसी भी रहने वाले को कोरोना छू तक नहीं पाया है। यहां बात हो रही है प्रदेश के जिला कुल्लू के प्राचीन गांव मलाणा की जिसे दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र गांव का गौरव हासिल है। यहां आज भी जमलू देवता (जमदग्नि ऋषि) का शासन चलता है। देवता की ईजाजत के बिना कोई भी गांव के अंदर नहीं आ सकता। आज के आधुनिक युग में दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र वाले मलाणा गांव का आज भी अपना ही कानून है। गांव में आख़री फ़ैसला ऊपरी सदन के हाथ में होता है। इसमें गांव के तीन अहम किरदार होते हैं। इनमें से एक किरदार जमलू देवता का प्रतिनिधि होता है।
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मलाणा तक पहुंचना भी बहुत मुश्किल है। मलाणा गांव के लिए कोई सड़क नहीं है। पहा़ड़ी पगडंडियों से होते हुए ही यहां तक पहुंचा जा सकता है। पार्वती घाटी की तलहटी में स्थित जरी गांव से यहां तक सीधी चढ़ाई है। जरी से मलाणा तक पहुंचने में क़रीब चार घंटे लग जाते हैं। वहीं दिलचस्प यह है कि समूचे विश्व में जहां कोरोना महामारी से हाहाकार मचा हुआ है, वहीं कुल्लू जिले के इस गांव को आज तक कोरोना महामारी छू भी नहीं पाई। कोरोना काल के अब तक के 15 महीनों में इस गांव में एक भी कोरोना का मामला सामने नहीं आया। यह इसलिए मुमकिन हुआ है, क्योंकि पूरे कोरोना काल में यहां के बाशिंदों ने बाहरी लोगों और पर्यटकों का इस गांव में आने पर रोक लगा रखी है। बताया जाता है कि हिमाचल प्रदेष के 2350 आबादी वाले इस गांव में देवता जमलू (जमदग्नि ऋषि) का कानून चलता है। गूर के माध्यम से जो देवता जमलू आदेश देते हैं, उसी को माना जाता है। यहां के बाशिंदे खुद को सिकंदर का वंशज मानते हैं। मलाणा गांव के लिए एचआरटीसी की एकमात्र बस सेवा है। कोरोना के चलते वह भी एक साल बाद इस साल अप्रैल में चली थी, लेकिन अब यह बस फिर से बंद है।
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आसपास के गांवों के लोगों से भी यहां के लोग गांव के मुख्य गेट के बाहर ही मिलते हैं। पिछले अप्रैल से गांव में बाहरी लोगों को प्रवेश नहीं है। मलाणा पंचायत के पूर्व प्रधान भागी राम तथा उपप्रधान राम ने कहा कि गांव में अभी तक कोरोना का कोई केस नहीं आया है। लोग अपने स्तर पर ही कोरोना से निपट रहे हैं और उन पर देवता जमलू का पूरा आशीर्वाद है। पंचायत प्रधान राजू राम ने बताया कि कोरोना काल में गांव के लोग किसी आपात स्थिति में ही गांव से बाहर निलते हैं, जबकि बाहरी लोगों का गांव में प्रवेश प्रतिबंधित है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने यहां लोगों की वैक्सीनेशन शुरू की है जिसमें मलाणा पंचायत के लोगों को स्वास्थ्य विभाग के द्वारा घर द्वार पर वैक्सीन की सुविधा महैया करवाई गई। जिसके लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम के आधा दर्जन कर्मचारियों ने घंटो पैदल चढ़कर ग्रामीणों को वैक्सीन की सुविधा दी। सीएमओ कुल्लू डॉक्टर सुशील चंद्र शर्मा ने बताया कि कुल्लू जिला के जरी ब्लॉक दुर्गम क्षेत्र मलाणा पंचायत में वैक्सीनेशन शुरू कर दी है और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पंचायत में बूथ लगाकर लोगों को घर द्वार पर वैक्सीन की सुविधा मुहैया करवाई है। उन्होंने कहा कि मलाणा पंचायत के लोगों को स्वास्थ्य विभाग की आशा वर्कर निरमा ने वैक्सीन के लिए जागरूक किया और यहां के 75 लोगों ने ऑनलाईन कोविन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के बाद 36 ने वैक्सीन लगाई है।
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उन्होंने कहा कि मलाणा पंचायत के प्रधान राजू राम ने सबसे पहले वैक्सीन लगाई और लोगों को वैक्सीन सुरक्षित का संदेश दिए है। लोग वैक्सीन को चुने न की वायरस को और आपने आप को वैक्सीन लगाकर सुरक्षित करे। उन्होंने कहा कि मलाणा गांव के लोगों ने बहुत अच्छी पहल की है कि आपने आप को वैक्सीन लगाकर सुरक्षित किया है। पंचायत में वैक्सीन चल रही है।
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