शासन के प्रति बनाई गई नकारात्मक छवि को दूर करने की आवश्यकता है : प्रो. के.जी. सुरेश
प्रो. सुरेश ने कहा कि सोशल मीडिया और डिजीटल मीडिया के दौर में जनसंपर्क अधिकारियों को चौबीस घंटे, तीन सौ पैंसठ दिन ही ड्यूटी करने की चुनौति है। समाचारों की संख्या से अधिक महत्वपूर्ण है समाचारों की पहुंच और प्रभाव जनता तक पुहंचाना ही वास्तव में जनसंपर्क है।
भोपाल। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय भोपाल में मध्य प्रदेश के जनसंपर्क अधिकारियों के चार दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम का सोमवार को शुभारंभ हुआ जिसका समापन गुरूवार को होगा। शुभारंभ सत्र में जनसंपर्क अधिकारियों को संबोधित करते हुए जनसंपर्क आयुक्त सुदाम खाड़े ने कहा कि डिजीटल मीडिया की व्यापकता को देखते हुए जनसंपर्क व्यवसाय में सूचना की प्रमाणिकता एवं विश्वसनीयता परम आवश्यक है, भ्रामक और झूठी सूचनाएं भी चुनौती है।
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पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. के.जी. सुरेश ने कहा कि उपनिवेश काल और इसके बाद भारतीय सिनेमा की एक पक्षीय प्रस्तुति से शासन व्यवस्था और राजनीतिज्ञों के प्रति जनमानस में नकारात्मक छवि बन गई है, जिसे बदलने की आवश्यकता है, बेहतर और प्रभावी जनसंपर्क से इसे बदला जा सकता है। प्रो. सुरेश ने कहा कि सोशल मीडिया और डिजीटल मीडिया के दौर में जनसंपर्क अधिकारियों को चौबीस घंटे, तीन सौ पैंसठ दिन ही ड्यूटी करने की चुनौति है। समाचारों की संख्या से अधिक महत्वपूर्ण है समाचारों की पहुंच और प्रभाव जनता तक पुहंचाना ही वास्तव में जनसंपर्क है। सफल जनसंपर्क व्यवस्था में समाचार के छप जाने से महत्वपूर्ण सूचना का लक्षित लोगों तक प्रभावी रूप से पहुंचाना है।
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जनसंपर्क अधिकारियों के चार दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम में देश के जाने माने मीडिया प्रोफेशनल अपना मार्गदर्शन दे रहे हैं। शुभारंभ सत्र में कार्यक्रम संयोजक प्रो. अनुराग सीठा ने कहा कि कोरोना महामारी के कठिन समय ने हमें नए तरीके और नई तकनीक से जनसंपर्क करने की सीख दी है।
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