Haryana में सारा मामला सेट है फिर अमित शाह को पर्यवेक्षक के तौर पर क्यों जाना पड़ रहा?
सूत्रों ने बताया कि बैठक में भाजपा नेता नायब सिंह सैनी को औपचारिक रूप से भाजपा विधायक दल का नेता चुना जाएगा, जिसके बाद मुख्यमंत्री पद के लिए उनके नाम की औपचारिक घोषणा की जाएगी।
हरियाणा भाजपा विधायक दल की बैठक पार्टी पर्यवेक्षकों, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव की मौजूदगी में 16 अक्टूबर को होने की संभावना है। सूत्रों ने बताया कि बैठक में भाजपा नेता नायब सिंह सैनी को औपचारिक रूप से भाजपा विधायक दल का नेता चुना जाएगा, जिसके बाद मुख्यमंत्री पद के लिए उनके नाम की औपचारिक घोषणा की जाएगी। हरियाणा में नई भाजपा सरकार का शपथ ग्रहण समारोह 17 अक्टूबर को पंचकुला में होगा, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वरिष्ठ भाजपा नेता शामिल होंगे।
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हालांकि, बड़ा सवाल ये है कि भाजपा के लिए हरियाणा में सबकुछ सेट था फिर पर्यवेक्षक के तौर पर अमित शाह जैसे दिग्गज को क्यों जाना पड़ रहा है? दावा किया जा रहा है कि भले ही नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में भाजपा ने चुनाव लड़ा था। लेकिन औपचारिक तौर पर नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री के तौर पर प्रोजेक्ट नहीं किया गया था। यही कारण है कि पार्टी के भीतर कई ऐसे नेता है जो अभी भी मुख्यमंत्री पद की इच्छा रखते हैं जिसमें अनिल विज और राव इंद्रजीत सिंह का नाम सामने आ रहा है।
इंद्रजीत सिंह को लेकर तो कई खबरें सामने आ गई कि वह कुछ विधायकों के साथ बागी हो सकते हैं। हालांकि राव इंद्रजीत सिंह लगातार यह दावा करते रहे कि वह पार्टी के साथ है और किसी भी तरह का बगावत नहीं करने वाले हैं। सिंह ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘कुछ चैनल पर निराधार खबरें चलाई जा रही हैं, जिनमें मुझे नौ विधायकों के साथ बगावती दिखाया जा रहा है। यह सब तथ्यहीन, निराधार खबर है। मैं और मेरे सभी साथी विधायक भारतीय जनता पार्टी के साथ मजबूती से खड़े हैं।’’
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दूसरी और अनिल विज की बात करें तो वह प्रदेश में सबसे वरिष्ठ नेता है। वह यह दावा करते रहे हैं कि उनकी वरिष्ठता का ध्यान पार्टी रखेगी और उन्हें मुख्यमंत्री पद पर बैठ सकती है। वह यह बार-बार कहते रहे हैं अगर आलाकमान चाहे तो मैं मुख्यमंत्री बनने को तैयार हूं। मैं वरिष्ठ हूं। आलाकमान को इसका ध्यान रखना चाहिए। हालांकि वह यह भी कहते हैं कि आलाकमान जो फैसला लेगी, वह मानेंगे। ऐसे में विधायकों के बीच किसी तरह की गुटबाजी ना रहे, इस वजह से भी अमित शाह को हरियाणा में पर्यवेक्षक के तौर पर जाना पड़ रहा है। मोहन यादव को साथ ले जाकर अमित शाह एक अलग संदेश देना चाहते हैं। दरअसल, हरियाणा के अहिरवाल क्षेत्र में भाजपा को सबसे ज्यादा वोट मिले हैं और भाजपा का प्रदर्शन भी अच्छा रहा है। मोहन यादव इसी बिरादरी से आते हैं।
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