कमला नेहरू अस्पताल से लगातार मिल रहे है परिजनों को शव, सरकार छुपा रही है आंकड़े
वहां मौजूद परिवारों ने बताया कि मौत का आंकड़ा 4 से ज्यादा है। हॉस्पिटल मैनेजमेंट एक-एक कर परिजन को बच्चों के शव दे रहा है। इन्हीं में से एक परिवार को अपने पोते की कोई जानकारी नहीं मिल रही है।
भोपाल। राजधानी भोपाल के कमला नेहरू अस्पताल में लगी आग में सरकार ने अब तक सिर्फ 4 बच्चों की ही मौत की पुष्टि की है। लेकिन एक के बाद एक लगातार शव सामने आते जा रहे हैं। जब चार ही बच्चों की मौत हुई है तो फिर ये शव लगातार कहां से आ रहे हैं। और शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेजे जा रहे हैं तो कुछ ऐसे भी हैं जिन्हें बिना पोस्टमॉर्टम के ही परिजन को सौप दिए जा रहें है।
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दरअसल वहां मौजूद परिवारों ने बताया कि मौत का आंकड़ा 4 से ज्यादा है। हॉस्पिटल मैनेजमेंट एक-एक कर परिजन को बच्चों के शव दे रहा है। इन्हीं में से एक परिवार को अपने पोते की कोई जानकारी नहीं मिल रही है। उनका कहना है कि उनके बच्चे को कोने में कपड़े में लपेटकर रखा गया है। हमारा बच्चा जल चुका है।
उन्होंने कहा कि उनकी बहू अस्पताल में भर्ती है। 4 नवंबर को बच्चा हुआ था। जिसके बाद सांस लेने में दिक्कत थी तो उसे कमला नेहरू हॉस्पिटल में वेंटिलेटर पर रखा गया था। सोमवार सुबह फोन करने पर डॉक्टरों ने कहा था बच्चा ठीक है। और आज मशीन से हटाकर वार्ड में शिफ्ट कर देंगे।
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लेकिन जब वे बच्चे को वार्ड में लेकर गए तो वहां डॉक्टर कहने लगे कि आप लेट हो गए हो। इस बच्चे को अब वहीं रख आओ। कल पलंग दूंगी, तब लेकर आना। बच्चे को वापस मशीन में रखना पड़ा।
वहीं रात में आग लगने की जानकारी मिली। अस्पताल पहुंचे तो अंदर जाने नहीं दिया गया। अब यही कहते रहे कि बच्चा ठीक है। देखने गए तो जला हुआ बच्चा कोने में कपड़े में लपेटकर रखा था। उसमें सील लगी थी। जो मेरा बच्चा है।
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