कोरोना वायरस से जंग में भारतीय सेना ने भी संभाला मोर्चा, हर स्तर पर कर रहे हैं नागरिकों की सहायता
भारतीय सेना के जवानों द्वारा कुवैत सरकार की कैपिब्लिटी डेवलपमेंट और आरटीपीसीआर मशीन सेटअप के लिए आठ चिकित्सा अधिकारियों और सात पैरामेडिक्स की तैनाती की गई। नेपाल सरकार को दवाएं और चिकित्सा उपकरण उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
नागरिकों को सुरक्षित निकाल कर क्वारंटाइन किया
फरवरी 2020: 248 भारतीय पुरुष नागरिकों जिसमें से ज्यादातर छात्रों को वुहान से निकाला गया और मानेसर आर्मी वेलनेस सेंटर में क्वारेंटाइन किया गया।
फरवरी से मार्च: जापान में डायमंड प्रिंसेस क्रूज से 124 लोगों को निकाला गया और मानेसर आर्मी वेलनेस सेंटर में क्वारेंटाइन किया गया।
मार्च से अप्रैल 2020: 83 लोगों को इटली से निकालकर मानेसर आर्मी वेलनेस सेंटर में क्वारेंटाइन किया गया। इनमें इटली के भारतीय मूल के छह नागरिक और अमेरिका के भारतीय मूल के तीन नागरिक शामिल थे। 82 को निगेटिव होने के बाद छुट्टी दे दी गई जबकि एक पॉजिटिव केस को सफदरजंग अस्पताल में भेजा गया।
15 मार्च 2020: 236 भारतीय नागरिकों को ईरान से निकालकर जैसलमेर आर्मी वेलनेस सेंटर में क्वारेंटाइन किया गया। इनमें से 19 कोविड पॉजिटिव थे और उन्हें एम्स जोधपुर में भर्ती कराया गया। सैनिकों की लगभग दो बटालियन की ताकत ने भारत के लोगों के लिए इन राष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं की स्थापना में सहायता करने के लिए अपने रहने की जगह खाली कर दी।
16 मार्च 2020: 53 भारतीय नागरिकों को ईरान से निकालकर जैसलमेर आर्मी वेलनेस वेलनेस सेंटर में क्वारेंटाइन किया गया। इनमें से 03 कोविड पॉजिटिव थे।
18 मार्च 2020: 195 भारतीय नागरिकों को ईरान से निकालकर जैसलमेर आर्मी सेंटर में क्वारेंटाइन किया गया। इनमें से 22 कोविड पॉजिटिव थे और एम्स जोधपुर में भर्ती कराया गया।
25 मार्च 2020: 277 भारतीय नागरिकों को ईरान से निकालकर जोधपुर आर्मी वेलनेस सेंटर में क्वारेंटाइन किया गया।
29 मार्च 2020: COVID-19 के असैनिक मामलों में संभावित वृद्धि को संभालने के लिए सेना कल्याण केंद्र स्थापित किए गए।
29 मार्च 2020: 275 भारतीय नागरिकों को जोधपुर से निकालकर जोधपुर आर्मी वेलनेस सेंटर में क्वारेंटाइन किया गया।
राष्ट्रीय प्रयास को मजबूत करने के लिए क्षमता वृद्धि
- बैरकपुर, शिलांग और लिकाबाली में 20 अप्रैल तक 490 की कुल क्षमता (590 से विस्तार योग्य) वाले नागरिकों के लिए तीन समर्पित कोविड अस्पताल।
- चार त्वरित प्रतिक्रिया चिकित्सा टीमों को नामांकित किया गया।
- 1200 बैटलफील्ड नर्सिंग असिस्टेंट ने 300 प्रति कोर पर चिकित्सा संसाधनों को बढ़ाने के लिए प्रशिक्षित किया।
- इंजीनियरों और सेना चिकित्सा कोर के कर्मियों के साथ सात COVID प्रतिक्रिया दल।
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नागरिकों की सहायता और आवश्यक वस्तुओं का वितरण
बेंगलुरु, दिल्ली, जम्मू, चांगलांगला (असम राइफल्स), कोलकाता, असम, बारामूला, मोकोकचुंग (असम राइफल्स), अखनूर, वेलिंगटन, कुन्नूर और तिरुचि में स्थानों पर भोजन के पैकेट का प्रावधान किया।
बेंगलुरु, अनंतनाग, कुलगाम, कुपवाड़ा, पश्चिम कामेंग (एएलपी), पीएचसी श्रीनगर और अखनूर में पीपीई, मास्क और हैंड सेनेटाइजर्स जैसे मेडिकल आइटम का प्रावधान किया।
भारतीय सेना के जवानों ने ब्लड स्टॉक लेवल को बनाए रखने के लिए सिविल ब्लड बैंकों की सहायता के लिए रक्त दान किया।
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जागरूकता अभियान का संचालन
- जम्मू-कश्मीर के दूरदराज और ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों तक पहुंचने और उन्हें शिक्षित करने के लिए बहु आयामी अभियान।
- श्रीनगर के भगतपुरा में COVID-19 से लड़ने के लिए नागरिक-सैन्य बातचीत आयोजित।
- द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, सामाजिक दूरी बनाए रखने का एनाउंसमेंट और हेल्थ एडवाइजरी के वितरण जैसे प्रयास चिनार कॉर्प्स द्वारा लगातार किए जा रहे हैं।
- कोविड-19 से लड़ने और सेनेटाइजेशन की महत्ता को लेकर वेलिंगटन, कुन्नूर और तिरुचि के लोगों को शिक्षित करने का काम किया।
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मित्रवत देशों को सहायता
13 मार्च से 21 मार्च: पांच डॉक्टरों, दो नर्सिंग अधिकारियों और सात पैरामेडिक्स की मेडिकल टीम को एक सलाहकार की भूमिका में तैनात किया गया था ताकि वह अपने घरेलू COVID सुरक्षा उपायों को स्थापित करने के लिए सरकार की सहायता कर सके।
राष्ट्रीय प्रयास को मजबूत करने के लिए क्षमता वृद्धि
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राष्ट्रीय प्रयास को मजबूत करने के लिए क्षमता वृद्धि
कुवैत सरकार की कैपिब्लिटी डेवलपमेंट और आरटीपीसीआर मशीन सेटअप के लिए आठ चिकित्सा अधिकारियों और सात पैरामेडिक्स की तैनाती की गई।
नेपाल सरकार को दवाएं और चिकित्सा उपकरण उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
अन्य मेडिकल टीमें अभी स्टैंड-बाइ मोड में हैं और उनकी भी श्रीलंका, बांग्लादेश, भूटान और अफगानिस्तान में तैनात की जा सकती हैं।
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