राज्यपाल ने J&K में पाबंदियों को बताया उचित , 50 हजार नौकरियों की भी घोषणा
सलाहकार के. विजय कुमार, मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रमण्यम और पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह के साथ मलिक ने संकेत दिया कि इंटरनेट सेवा कुछ और समय तक स्थगित रहेगी क्योंकि ‘‘राज्य के लोगों की अपेक्षा आतंकवादी और पाकिस्तानी इसका ज्यादा इस्तेमाल करते थे।’’
श्रीनगर। जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने बुधवार को कहा कि अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाने के बाद राज्य में जनहानि रोकने के लिए प्रतिबंध जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों की पहचान और संस्कृति सुरक्षित रहेगी। जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा गत पांच अगस्त को खत्म किए जाने के बाद मलिक ने अपने पहले संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अगले तीन महीनों में राज्य में 50 हजार नौकरियां उपलब्ध होंगी। जम्मू कश्मीर में यह सबसे बड़ा भर्ती अभियान होगा। सलाहकार के. विजय कुमार, मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रमण्यम और पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह के साथ मलिक ने संकेत दिया कि इंटरनेट सेवा कुछ और समय तक स्थगित रहेगी क्योंकि ‘‘राज्य के लोगों की अपेक्षा आतंकवादी और पाकिस्तानी इसका ज्यादा इस्तेमाल करते थे।’’ संक्षिप्त बयान में राज्यपाल ने कहा कि वह राज्य के लोगों को आश्वस्त करना चाहते हैं कि उनकी पहचान, संस्कृति, धर्म, समाज, भाषा, विरासत, हर चीज सुरक्षित रहेगी। उन्होंने कहा, ‘‘’हम उन पर बाहर से कोई दबाव नहीं आने देंगे, और हम उन्हें (राज्य के लोगों) सुरक्षित रखेंगें। यह हमारे प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) का भी एक महत्वपूर्ण आश्वासन है और हम इस क्षेत्र में सामान्य स्थिति बहाल करेंगे। हम लोकतंत्र की जड़ें और मजबूत करेंगे और इसे जीवंत और सही मायने में प्रतिनिधित्व वाला बनाएंगे।’
J&K Governor Satyapal Malik: We today announce 50,000 jobs in J&K administration, we will appeal to the youth to get involved with full vigour, in coming 2-3 months we will fill these positions pic.twitter.com/0xrWBwn2hA
— ANI (@ANI) August 28, 2019
राज्यपाल ने 15 अगस्त के अपने संबोधन के दौरान भी ये आश्वासन दिया था। बिना कोई विवरण दिए उन्होंने कहा कि केंद्र जम्मू कश्मीर पर जल्द ही कोई ‘बड़ी’ घोषणा करेगा। उन्होंने धीरज और सहयोग के लिए लोगों का आभार प्रकट करते हुए कहा कि सरकार के लिए पाबंदी लगाना जरूरी था क्योंकि यह सुनिश्चित करना था कि आतंकवादी और अतिवादी अपने नापाक मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाए। उन्होंने कहा, ‘‘पाबंदियों के नतीजे आप देख सकते हैं। राज्य में पुलिस कार्रवाई में अब तक एक भी व्यक्ति की मौत नहीं हुई है। वर्ष 2008 के प्रदर्शनों में 50 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। 2010 के प्रदर्शनों में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी और 2016 के प्रदर्शन में 80 से ज्यादा लोगों की जान गयी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हर जीवन अनमोल है। क्या यह एक उपलब्धि नहीं है? शांति बहाल करने के सरकार के प्रयासों का यह परिणाम है और बिना किसी को नुकसान पहुंचाए हालात सामान्य बनाने के लिए दिन-रात सबने मिलकर काम किया है।’’
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उन्होंने कहा, ‘‘धीरे-धीरे कई ढील दी गयी है आगे और इनमें बढ़ोतरी होगी। अब कश्मीर में 111 में से 81 थाना क्षेत्रों में दिन में (लोगों की) आवाजाही को लेकर ढील दी गयी है। कुछ दिनों में कुछ और इलाकों को खोला जाएगा। गड़बड़ी वाले महज कुछ स्थान लंबे समय तक बंद रहेंगे।’’ उन्होंने स्वीकार किया कि कश्मीर घाटी में प्रदर्शनों के दौरान सुरक्षाकर्मियों ने पैलेट गन का इस्तेमाल किया। लोगों को चोट न पहुंचे, इसके लिए अत्यंत सावधानी बरती गई। राज्यपाल ने दावा किया कि स्कूल धीरे-धीरे खोले गए लेकिन कम उपस्थिति के संबंध में सवालों का उन्होंने जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा कि उनके प्रशासन ने सरकार में 50,000 रिक्तियों को चिन्हित किया है। हम आगामी कुछ महीने में 50,000 रिक्तियों को भरेंगे। इससे हमारे नौजवानों के लिए रोजगार का सृजन होगा।
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