समय के मुताबिक आगे बढ़ रहा राम मंदिर का निर्माण कार्य, 2023 तक श्रद्धालु कर सकेंगे भगवान के दर्शन
अंकित सिंह । Sep 9 2021 7:52PM
परकोटा (मंदिर परिसर) के लिए ले-आउट को अंतिम रूप दे दिया गया है और परिसर के बाहर के क्षेत्र में तीर्थयात्री सुविधा केंद्र, संग्रहालय, लेखागार, शोध केंद्र, ऑडिटोरियम, गौशाला, योगशाला और एक प्रशासनिक भवन होगा।
नयी दिल्ली। अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य जोर-शोर से चल रहा है। इसी को लेकर पिछले दिनों श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के सदस्यों की एक बैठक हुई थी। इस बैठक में इस बात का उल्लेख किया गया कि मंदिर का निर्माण कार्य अपने तय कार्यक्रम के अनुरूप चल रहा है और इसे 2023 तक लोगों के लिए खोल दिया जाएगा। इस संबंध में एक सूत्र ने जानकारी देते हुए कहा कि 2023 तक श्रद्धालु भगवान श्री राम के दर्शन कर सकेंगे। इतना ही नहीं, भगवान श्री राम के मंदिर निर्माण में राजस्थान के गुलाबी पत्थरों का इस्तेमाल होगा और साथ ही साथ मंदिर परिसर में संग्रहालय, शोध केंद्र, गौशाला और एक योगशाला भी होगी।
मंदिर न्यास के सूत्रों ने बताया कि विशेष ध्यान कुबेर टीला और सीता कूप जैसे स्मारकों के संरक्षण एवं विकास पर होगा। उन्होंने कहा कि पूरे मंदिर परिसर में शून्य कार्बन उत्सर्जन और हरित भवन जैसी विशेषताएं होंगी। सूत्रों ने कहा कि मंदिर का ढांचा राजस्थान से लाए गए बंसी पहाड़पुर पत्थर और मार्बल से बनाया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘मंदिर के निर्माण में करीब चार लाख पत्थर (बंसी पहाड़पुर) का इस्तेमाल होगा। मंदिर के निर्माण में स्टील का इस्तेमाल नहीं होगा। मंदिर के परकोटा के लिए जोधपुर पत्थर का इस्तेमाल करने का निर्णय किया गया है।’’In a recent review meeting on construction of Shri Ram Temple in Ayodhya held on 27-29 Aug, it was noted that construction work of the temple is proceeding as per schedule & the plan to enable devotees to have darshan by the year 2023 seems within reach: Ram Temple Trust sources
— ANI (@ANI) September 9, 2021
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परकोटा (मंदिर परिसर) के लिए ले-आउट को अंतिम रूप दे दिया गया है और परिसर के बाहर के क्षेत्र में तीर्थयात्री सुविधा केंद्र, संग्रहालय, लेखागार, शोध केंद्र, ऑडिटोरियम, गौशाला, योगशाला और एक प्रशासनिक भवन होगा। मंदिर ढांचे के लंबे समय तक टिके रहने को ध्यान में रखकर न्यास इसका निर्माण करा रहा है। ढांचे का डिजाइन केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) के मानकों के अनुरूप है।
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