कई सिर वाले राक्षस की तरह अपने पैर पसार रहा है आतंकवाद: बिपिन रावत
अफगानिस्तान शांति प्रक्रिया पर जवाब देते हुए जनरल रावत ने कहा कि तालिबान के साथ बातचीत होनी चाहिए, लेकिन यह बिना किसी शर्त के हो। उन्होंने कहा कि आतंकवाद युद्ध का एक नया तरीका बन रहा है।
सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि आतंकवाद को देश जब तक सरकारी नीति के तौर पर बढ़ावा देते रहेंगे, तब तक यह मौजूद रहेगा। सेना प्रमुख ने ‘रायसीना डायलॉग’ में कहा कि आतंकवाद अब कई सिर वाले राक्षस की तरह अपने पैर पसार रहा है।
Army Chief Bipin Rawat at Raisina Dialouge 2019: Radicalisation has taken a different form in our country. In J&K, youth is getting radicalised due to misinformation & falsehood about religion being fed to them. This is becoming a form of warfare. pic.twitter.com/kE44NGTrAt
— ANI (@ANI) January 9, 2019
अफगानिस्तान शांति प्रक्रिया पर जवाब देते हुए जनरल रावत ने कहा कि तालिबान के साथ बातचीत होनी चाहिए, लेकिन यह बिना किसी शर्त के हो। उन्होंने कहा कि आतंकवाद युद्ध का एक नया तरीका बन रहा है। जनरल रावत ने कहा कि सोशल मीडिया कट्टरपंथ के प्रसार का स्रोत बन रहा है, इसलिए इसे नियंत्रित किए जाने की आवश्यकता है।
Army Chief Bipin Rawat: Biggest issue is that the social media needs to ensure that radicalisation does not happen through false information & misinformation. Radicalisation through social media is becoming one of the reasons for raising funds for terrorists organisations. pic.twitter.com/3VQAdkSc6o
— ANI (@ANI) January 9, 2019
आतंकवाद तब तक रहेगा, जब तक देश राष्ट्र की नीति के तौर पर इसका उपयोग करते रहेंगे: सेना प्रमुख
सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने आतंकवाद को युद्ध का एक नया तरीका बताते हुए बुधवार को कहा कि यह ‘‘कई सिर वाले राक्षस’’ की तरह अपने पैर पसार रहा है और यह ‘‘तब तक मौजूद रहेगा’’, जब तक देश राष्ट्र की नीति के तौर पर इसका इस्तेमाल करना जारी रखेंगे। ‘रायसीना डायलॉग’ के दौरान यहां एक पैनल चर्चा में रावत ने कहा कि सोशल मीडिया कट्टरपंथ को फैलाने का जरिया बन रहा है, इसलिए इसे नियंत्रित किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर समेत भारत में अलग अलग तरह का कट्टरपंथ दिखाई दे रहा है। बहुत सी गलत एवं झूठी जानकारियों के कारण युवाओं के अंदर कट्टरता की भावना आ रही है और धर्म संबंधी कई झूठी बातें उनके मनोमस्तिष्क में भरी जा रही हैं।
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जनरल रावत ने कहा, ‘‘इसलिए आप अधिक से अधिक शिक्षित युवकों को आतंकवाद की ओर बढ़ते देख रहे हैं।’’ उन्होंने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा कि देश जब तक राष्ट्र की नीति के तौर पर आतंकवाद को बढ़ावा देते रहेंगे, तब तक यह मौजूद रहेगा। जनरल रावत ने कहा, ‘‘आतंकवाद युद्ध का एक नया तरीका बनता जा रहा है। एक कमजोर देश दूसरे देश पर अपनी शर्तें मानने का दबाव बनाने के लिए आतंकवादियों का इस्तेमाल कर रहा है।’’ उन्होंने कहा कि आतंकवाद कई सिर वाले एक राक्षस की तरह अपने पैर पसार रहा है। जनरल रावत ने अफगानिस्तान की शांति प्रक्रिया पर कहा कि तालिबान से बातचीत होनी चाहिए, लेकिन यह बिना किसी शर्त के होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आतंकवाद तालिबान का हमेशा छिपकर साथ देता रहा है और उसे इस बारे में चिंता करनी चाहिए।
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