वायनाड भूस्खलन पर तेजस्वी सूर्या ने राहुल गांधी पर किया वार, कहा- 1800 दिनों से सांसद हैं, पर एक बार भी नहीं उठाया मुद्दा
लोकसभा में बोलते हुए सूर्या ने इस बात पर प्रकाश डाला कि वायनाड के सांसद के रूप में गांधी के 1,800 दिनों के कार्यकाल के दौरान, उन्होंने एक बार भी विधानसभा या संसद में भूस्खलन और बाढ़ के गंभीर मुद्दों को संबोधित नहीं किया था।
भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने तीखी आलोचना करते हुए वायनाड में हुए विनाशकारी भूस्खलन को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधा है, जिसमें दुखद रूप से लगभग 160 लोगों की जान चली गई है। लोकसभा में बोलते हुए सूर्या ने इस बात पर प्रकाश डाला कि वायनाड के सांसद के रूप में गांधी के 1,800 दिनों के कार्यकाल के दौरान, उन्होंने एक बार भी विधानसभा या संसद में भूस्खलन और बाढ़ के गंभीर मुद्दों को संबोधित नहीं किया था।
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भाजपा के युवा नेता ने आगे कहा कि 2020 में, केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने वायनाड में भूस्खलन-प्रवण क्षेत्रों से 4,000 परिवारों को स्थानांतरित करने की सलाह दी। आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई और वायनाड का प्रतिनिधित्व करने वाले सांसद ने आज तक यह मुद्दा भी नहीं उठाया। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि केरल के वन मंत्री ने विधानसभा में स्वीकार किया कि वे अवैध अतिक्रमण नहीं हटा पा रहे हैं क्योंकि उन पर विभिन्न धार्मिक संगठनों का दबाव था।
हालांकि, तेजस्वी सूर्या के बयान पर लोकसभा में खूब हंगामा भी हुआ। उन्होंने मीडिया से बाद में कहा कि वायनाड में जो हुआ वह कोई प्राकृतिक आपदा नहीं है। यह एक मानव निर्मित आपदा है। यह मैं नहीं कह रहा, यह बात केरल के पर्यावरण विशेषज्ञ कह रहे हैं। पिछले 5-6 सालों में देश में जितने भी भूस्खलन हुए हैं, उनमें से 60% सिर्फ केरल में हो रहे हैं। 2020 में, केरल के आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने केरल सरकार को वायनाड के पश्चिमी घाट के पूर्वी ढलान पर सभी अवैध बस्तियों से 4,000 परिवारों को हटाने के लिए कहा।
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भाजपा नेता ने कहा कि राहुल गांधी ने इस पर कभी कोई सवाल नहीं उठाया। केरल के संपूर्ण पश्चिमी घाट में व्यावसायीकरण की गतिविधियाँ लगातार चल रही हैं। यह पश्चिमी घाट की पहाड़ियों की नींव को हिला रहा है। उन्होंने कहा कि अभी तक निकासी क्यों नहीं हो पाई, इसका कारण वहां की वोट बैंक की राजनीति है। आज की एलडीएफ सरकार के वन मंत्री ने 2021 में केरल विधानसभा में कहा था कि हम राजनीतिक दबाव और धार्मिक समूहों के दबाव और राहुल गांधी के 5 साल से वहां से सांसद होने के कारण अवैध अतिक्रमणों को खाली नहीं कर पा रहे हैं, न ही संसद में। न ही बाहर, उन्होंने इस अवैध अतिक्रमण को हटाने के लिए कभी आवाज नहीं उठाई।
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