Prabhasakshi NewsRoom: Most Wanted ISIS Terrorist Shahnawaz और उसके साथियों की गिरफ्तारी से आतंक का बड़ा मॉड्यूल ध्वस्त
उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, झारखंड और महाराष्ट्र में मॉड्यूल की पहचान की गई है और जांच के दौरान पुणे पुलिस ने जुलाई में मोटरसाइकिल चोरी करते समय आईएसआईएस के दो सदस्यों इमरान खान और यूनुस साकी को गिरफ्तार किया था, लेकिन शाहनवाज भाग निकला था।
भारत की प्रगति को रोकने और देश के माहौल को बिगाड़ने की एक बड़ी साजिश का भंडाफोड़ किया गया है और तीन मोस्ट वांटेड आतंकवादियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। आईएसआईएस से जुड़े यह तीन आतंकवादी इंजीनियर हैं और कम से कम संसाधनों के उपयोग से विस्फोटक बनाने में माहिर हैं। बताया जा रहा है कि इनके निशाने पर वीआईपी लोगों के अलावा अयोध्या का राम मंदिर भी था। पाकिस्तान से संपर्क रखने वाले आतंकवादियों की गिरफ्तारी हमारी सुरक्षा एजेंसियों की तत्परता को तो दर्शाती ही है साथ ही आम आदमी को भी सतर्क करती है।
जहां तक पकड़े गये आतंकवादियों की बात है तो आपको बता दें कि दिल्ली पुलिस ने सोमवार को एनआईए की अति वांछित आतंकवादियों की सूची में शामिल तथा आईएसआईएस के एक मॉड्यूल से जुड़े होने के आरोपी मोहम्मद शाहनवाज तथा उसके दो सहयोगियों को गिरफ्तार कर लिया। अधिकारियों ने बताया कि आरोपियों के पास से आईईडी बनाने में इस्तेमाल होने वाली संदिग्ध सामग्री भी मिली है। उन्होंने बताया कि आरोपियों की पहचान मोहम्मद शाहनवाज आलम उर्फ अब्दुल्ला उर्फ मोहम्मद इब्राहिम उर्फ प्रिंस, मोहम्मद रिजवान अशरफ और मोहम्मद अरशद वारसी के रूप में हुई है। अधिकारियों ने कहा कि तीनों इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुके हैं और पाकिस्तान में रहने वाले अपने आकाओं के संपर्क में थे। उन्होंने बताया कि शाहनवाज को दिल्ली के जैतपुर में गिरफ्तार किया गया, जबकि मोहम्मद रिजवान अशरफ को उत्तर प्रदेश के लखनऊ और मोहम्मद अरशद वारसी को मुरादाबाद में गिरफ्तार किया गया। उन्होंने बताया कि तीनों को एक सप्ताह के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस ने कहा, “आईएसआईएस मॉड्यूल के रूप में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई द्वारा प्रायोजित यह मॉड्यूल दिल्ली में आतंकी हमलों की योजना बनाने के अंतिम चरण में था।”
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पुलिस के मुताबिक, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, झारखंड और महाराष्ट्र में मॉड्यूल की पहचान की गई है और जांच के दौरान पुणे पुलिस ने जुलाई में मोटरसाइकिल चोरी करते समय आईएसआईएस के दो सदस्यों इमरान खान और यूनुस साकी को गिरफ्तार किया था, लेकिन शाहनवाज भाग निकला था। पुलिस ने कहा कि इमरान और यूनुस चित्तौड़ विस्फोट में शामिल थे और उन पर पांच लाख रुपये का इनाम था। पुलिस के अनुसार मामला एनआईए को स्थानांतरित कर दिया गया जिसने शाहनवाज की गिरफ्तारी पर तीन लाख रुपये का इनाम घोषित किया।
विशेष पुलिस आयुक्त (विशेष शाखा) एचजीएस धालीवाल ने संवाददाताओं से कहा कि बाद में, गुप्त सूचना मिली कि शाहनवाज दिल्ली के निवासी रिजवान अली के साथ घूम रहा था और वे अन्य सहयोगियों के साथ दिल्ली और आसपास के इलाकों में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने की योजना बना रहे थे। पुलिस ने कहा कि यह भी पता चला है कि उनकी तैयारी अंतिम चरण में थी और उन्होंने इस उद्देश्य के लिए हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटक खरीदकर दिल्ली में ठिकाना बनाया था। धालीवाल ने कहा, वारसी को गिरफ्तार कर लिया गया और उसने खुलासा किया कि शाहनवाज उसे जानता है और वह दिल्ली और आसपास के इलाकों में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश में भागीदार था। पुलिस ने आरोप लगाया कि उन्होंने यह भी कहा कि शाहनवाज ने हथियार, गोला-बारूद तथा विस्फोटक खरीदे और अपनी आपराधिक साजिश को आगे बढ़ाने के लिए दिल्ली में किराए पर कमरा लिया था।
इससे पहले पुलिस ने प्रारंभिक पूछताछ का हवाला देते हुए कहा कि आरोपियों ने पश्चिमी और दक्षिण भारत के विभिन्न इलाकों की ‘रेकी’ की थी तथा वे पश्चिमी घाट क्षेत्र में अपना अड्डा बनाना चाहते थे। पुलिस ने बताया कि शाहनवाज के पास से विस्फोटक उपकरण बनाने में इस्तेमाल होने वाले एलिमेंट्री प्लास्टिक ट्यूब, लोहे के पाइप, विभिन्न प्रकार के रसायन, टाइमिंग उपकरण और एक पिस्तौल तथा कारतूस मिले हैं। हम आपको यह भी बता दें कि रविवार को केंद्रीय खुफिया एजेंसी और संबंधित राज्य पुलिस की सहायता से दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में कई छापे मारे गए थे।
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