CJI के नए लिस्टिंग सिस्टम पर सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने उठाए सवाल, कहा- फैसले के लिए समय नहीं
सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठता में नंबर तीन न्यायाधीश संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली पीठ ने इसकी आलोचना कर दी औ कहा कि मामलों के निपटान के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल रहा है। बड़ी बात यह है कि इस तरह का वाकया सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में बिरले ही सामने आता है।
सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच ने वर्षों से लंबित मामलों के त्वरित निपटान के लिए मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित द्वारा पेश किए गए एक नए केस लिस्टिंग तंत्र पर अपने न्यायिक आदेश में नाराजगी व्यक्त की है। पद संभालने के बाद जब प्रधान न्यायाधीश जस्टिस यूयू ललित लिस्टिंग का नया सिस्टम लेकर आए तो सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठता में नंबर तीन न्यायाधीश संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली पीठ ने इसकी आलोचना कर दी औ कहा कि मामलों के निपटान के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल रहा है। बड़ी बात यह है कि इस तरह का वाकया सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में बिरले ही सामने आता है।
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13 सितंबर को आदेश पारित करने वाली पीठ ने मामले को 15 नवंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया। नई व्यवस्था के तहत शीर्ष अदालत के जज दो अलग-अलग शिफ्ट में काम कर रहे हैं। नई प्रणाली में यह प्रावधान है कि प्रत्येक सप्ताह के सोमवार और शुक्रवार को 30 न्यायाधीशों को दो के संयोजन में बैठना होगा और प्रत्येक पीठ के 60 से अधिक विविध मामलों को देखना होगा, जिसमें नई जनहित याचिकाएं भी शामिल हैं। नया तंत्र यह भी निर्धारित करता है कि मंगलवार, बुधवार और गुरुवार को न्यायाधीश तीन न्यायाधीशों के संयोजन में बैठेंगे और पहले (सुबह के सत्र में) विस्तृत सुनवाई के मामले लेंगे जो आम तौर पर पुराने मामले दोपहर 1 बजे तक लंबित होते हैं।
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दोपहर के भोजन के बाद के सत्र (दोपहर के सत्र) में न्यायाधीश दो-न्यायाधीशों के संयोजन में बैठेंगे और पहले स्थानांतरण याचिकाओं (एक क्षेत्राधिकार से दूसरे क्षेत्र में मामलों के स्थानांतरण से संबंधित) और फिर नए मामलों से संबंधित मामलों को लेना शुरू करेंगे। पीआईएल सहित 30 से 20 मामले, जो नोटिस के बाद शाम 4 बजे तक के मामले हैं। सूत्रों के अनुसार 27 अगस्त को न्यायमूर्ति ललित के मुख्य न्यायाधीश के रूप में पदभार संभालने के बाद से नई प्रणाली के साथ शीर्ष अदालत कुल 5,000 से अधिक मामलों का निपटान करने में सफल रही है।
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