BCCI में बनी रहेगी सौरव-शाह की जोड़ी, SC ने कूलिंग ऑफ पीरियड से जुड़े संशोधन को मंजूरी दी
सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई की उस याचिका को स्वीकार कर लिया जिसमें राज्य क्रिकेट संघों और बीसीसीआई के पदाधिकारियों के कार्यकाल के बीच अनिवार्य कूलिंग-ऑफ अवधि को खत्म करने की मांग की गई थी।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। दोनों ही आने वाले तीन साल तक बीसीसीआई में अपने पद पर बने रह सकते हैं। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई की उस याचिका को स्वीकार कर लिया जिसमें राज्य क्रिकेट संघों और बीसीसीआई के पदाधिकारियों के कार्यकाल के बीच अनिवार्य कूलिंग-ऑफ अवधि को खत्म करने की मांग की गई थी। ऐसे में अब प्रशासकों को लगातार दो कार्यकाल के बाद ही कूलिंग ऑफ पीरियड से गुजरना होगा।
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बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह एक और कार्यकाल के लिए पद पर बने रहेंगे। नया नियम अब राज्य क्रिकेट संघों पर भी लागू होगा। अपने संविधान में संशोधन की मांग करने वाली बीसीसीआई की याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा था कि बीसीसीआई एक स्वायत्त संस्था है और कोर्ट इसके माइक्रो मैनेज फंक्शन का मैनेजमेंट नहीं कर सकती। कोर्ट ने देश के शीर्ष क्रिकेट निकाय से यह भी पूछा कि वह आईसीसी में देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए 70 साल से अधिक उम्र के लोगों को क्यों रखना चाहता है।
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शीर्ष अदालत ने यह भी कहा था कि पदाधिकारियों के कार्यकाल के बीच कूलिंग-ऑफ अवधि को समाप्त नहीं किया जाएगा क्योंकि “कूलिंग ऑफ अवधि का उद्देश्य यह है कि कोई निहित स्वार्थ नहीं होना चाहिए। बीसीसीआई द्वारा अपनाए गए संविधान के अनुसार, एक पदाधिकारी को राज्य संघ या बीसीसीआई या दोनों संयुक्त रूप से लगातार दो कार्यकालों के बीच तीन साल की कूलिंग-ऑफ अवधि से गुजरना पड़ता है।
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