जानिए केजरीवाल की सबसे भरोसेमंद पार्टी नेता Atishi की कहानी, पार्टी सदस्य से लेकर मुख्यमंत्री बनने तक का मुश्किल रहा सफर
कालकाजी विधानसभा सीट से विधायक आतिशी मार्लेना या केवल आतिशी के नाम से भी जाना जाता है, जो आम आदमी पार्टी से संबंधित हैं। वह अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के बाद 21 सितंबर 2024 से दिल्ली की 8वीं मुख्यमंत्री के रूप में कार्यरत हैं। वह आम आदमी पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति की सदस्य हैं।
दिल्ली की मुख्यमंत्री और कालकाजी विधानसभा सीट से विधायक आतिशी मार्लेना या केवल आतिशी के नाम से भी जाना जाता है, जो आम आदमी पार्टी से संबंधित हैं। वह अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के बाद 21 सितंबर 2024 से दिल्ली की 8वीं मुख्यमंत्री के रूप में कार्यरत हैं। वह आम आदमी पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति की सदस्य हैं और दिल्ली सरकार में शिक्षा, लोक निर्माण विभाग, संस्कृति और पर्यटन की मंत्री हैं। उन्होंने जुलाई 2015 से 17 अप्रैल 2018 तक दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के सलाहकार के रूप में विशेष रूप से शिक्षा के क्षेत्र में कार्य किया। आतिशी वर्तमान में भारत में मुख्यमंत्री के रूप में सेवा देने वाली दो महिलाओं में से एक हैं, दूसरी पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी हैं।
प्रारम्भिक जीवन
मुख्यमंत्री आतिशी का जन्म 08 जून, 1981 को दिल्ली में हुआ था। उनके पिता का नाम ‘विजय सिंह’ है जो कि दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर है। जबकि माता ‘तृप्ता वाही’ एक हाउस वाइफ है। वहीं उनके पति का नाम प्रवीण सिंह है, जो एक रिसर्चर और एजुकेटर हैं। वर्ष 2004 में प्रवीण सिंह से उनकी शादी हुई थी। वह IIT दिल्ली के पूर्व छात्र है। इसके अलावा उन्होंने IIM अहमदाबाद से भी पढ़ाई की है। उनको पूर्व में आतिशी मार्लेना के नाम से जाना जाता था, जिसके बार में कहा जाता है कि यह नाम मार्क्स और लेनिन से अक्षरों को निकालकर जोड़ा गया था। हालांकि, बाद में आतिशी द्वारा अपने नाम में से इस उपनाम को हटा दिया गया, क्योंकि इससे उनके ईसाई होने का भ्रम होता था।
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से किया पोस्ट ग्रेजुएशन
आतिशी की प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली के पूसा रोड स्थित ‘स्प्रिंगडेल्स स्कूल’ से हुई। इसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के ‘सेंट स्टीफंस कॉलेज’ से हिस्ट्री में ग्रेजुएशन किया। फिर वे पोस्ट ग्रेजुएशन करने के लिए ‘ऑक्सफॉर्ड विश्वविद्यालय’ चली गईं और हिस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की। वहीं भारत आने के बाद वह आंध्र प्रदेश के ‘ऋषि वैली स्कूल’ में इतिहास और अंग्रेजी पढ़ाने लगी। इस दौरान उन्होंने मध्य प्रदेश के छोटे से गांव में कई NGO’s के साथ भी काम किया।
राजनीति में एंट्री
आतिशी वर्ष 2013 में आम आदमी पार्टी से जुड़ी थी। वहीं वर्ष 2013 में हुए विधानसभा चुनाव के लिए ‘मेनिफेस्टो ड्राफ्टिंग कमेटी’ के प्रमुख सदस्य के रूप में उन्होंने पार्टी की नीतियों को आकार देने में अहम भूमिका निभाई। फिर उन्हें वर्ष 2014 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद आप आदमी पार्टी का प्रवक्ता बनाया गया। वर्ष 2015 में उन्होंने आप नेता की ओर से मध्य प्रदेश में चलाए गए जल सत्याग्रह में भी भाग लिया था। इसके बाद उन्हें दिल्ली के तत्कालीन शिक्षा मंत्री ‘मनीष सिसौदिया’ का सलाहकार बनाया गया। आतिशी को दिल्ली में शैक्षणिक संस्थानों के पुनरुद्धार में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए जाना जाता है।
लोकसभा चुनाव में मिली हार
आतिशी को वर्ष 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के लिए पूर्वी दिल्ली की लोकसभा का चुनाव प्रभारी बनाया गया। उन्होंने इस सीट से भाजपा उम्मीदवार ‘गौतम गंभीर’ और कांग्रेस नेता अरविंदर सिंह लवली के खिलाफ लोकसभा चुनाव भी लड़ा। लेकिन भाजपा उम्मीदवार गौतम गंभीर ने उन्हें चार लाख से अधिक वोटों से हरा दिया।
कितनी संपत्ति की मालकिन हैं आतिशी?
साल 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान आतिशी ने जो चुनावी हलफनामा दिया था उसके मुताबिक उनके पास 1 करोड़ 41 लाख रुपये की चल और अचल संपत्ति है। जिसमें उनके पति की आय भी शामिल है। उन्होंने तमाम फाइनेंशियल फर्म्स में पैसे डिपॉजिट कर रखे हैं। एफडी भी ली है, आतिशी ने 2019 में बताया था कि उनके पास कार और ज्वेलरी जैसी कोई संपत्ति नहीं है।
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