अयोध्या: राम मंदिर परिसर में लगाई जाएंगी 55 देशों से आई शिलाएं!
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के द्वारा मंदिर निर्माण कार्यशाला में रखे 1 लाख 75 हजार शिलाओं को राम मंदिर परिसर पहुंचाए जाने का लिया गया निर्णय।विश्व हिंदू परिषद के मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने बताया कि श्रीराम चलाएं 1989 में जब एक श्रीराम सेना और सवा रुपए पूज्य संत धर्माचार्य के आवाहन पर समाज ने समर्पित किया था।
अयोध्या। राम जन्मभूमि परिसर में मंदिर निर्माण को लेकर तैयारी तेज कर दी गई है। नींव की भराई के बाद अब मंदिर के बेस निर्माण का कार्य शुरू कर दिया गया है। इस बीच श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के द्वारा विश्व के 55 देशों से आये श्री राम शिलाओं को भी लगाए जाने का निर्णय लिया है। यह शिलाएं कार्यशाला में रखे हुए हैं।
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अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर राम घाट क्षेत्र स्थित मंदिर निर्माण कार्यशाला मैं पत्थरों की तलाशी का कार्य भी प्रारंभ कर दिया गया है। राजस्थान से आए सात मजदूरों के द्वारा पत्थरों की तलाशी का कार्य किया जा रहा है तो वही जल्दी और कारीगरों को कार्यशाला में लगाए जाने की तैयारी है लेकिन कार्यशाला में कारीगरों के द्वारा कार्य किए जाने के लिए कर जगह की कमी बनी हुई है इसको लेकर अब ट्रस्ट कार्यशाला में रखे श्रीराम शिलाओं को लेकर निर्णय लिया है। और जल्द ही इन पत्थरों को श्री राम जन्मभूमि परिसर पहुंचा दिया जाएगा। जिन्हें राम मंदिर परिसर में होने वाली निर्माण कार्य में लगाया जाएगा।
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विश्व हिंदू परिषद के मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने बताया कि श्रीराम चलाएं 1989 में जब एक श्रीराम सेना और सवा रुपए पूज्य संत धर्माचार्य के आवाहन पर समाज ने समर्पित किया था। और देश के 2 लाख 75 हजार गांव से प्राप्त किया। और यह शिला भारत ही नहीं विश्व के लगभग 55 देशों से आई थी। इन चुनावों पर श्री राम सिया राम जैसे शब्द लिखे हुए है। और इन सिलाओ के माध्यम से अपने भावनाओं का प्रकटीकरण किया था। कि भव्य राम मंदिर का निर्माण का मार्ग प्रसस्त्र हो सके। विश्व के 55 देशों में से मुख्य रूप से अमेरिका, सुरीनाम, जर्मनी, वर्मा, थाईलैंड, जापान, इंडोनेशिया, दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका, ब्रिटेन, इंग्लैंड, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया जैसे अन्य स्थानों से जहां जहां हिन्दू समाज के लोग निवास कर रहे हैं। और जिसमे भगवान श्री राम के प्रति आस्था व्यप्त है। उन लोगो ने यह शिलाएं दी थी।
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वहीं जानकारी दी कि 1989 में प्रथम शिलान्यास में इन शिलाओं का उपयोग किया गया। इस दौरान लगभग 1 लाख शिलाओं पर लगाया गया था। वहीं बाकी 1 लाख 75 हजार शिलाएं आज भी रखी हुई है। और कहा कि ट्रस्ट ने इन शिलाओं को परिसर पहुंचाए जाने का निर्णय लिया है यह बहुत स्वागत योग्य है। क्यों कि इन शिलाओं में राम भक्तों की भावनाएं जुड़ी हुई है। जिसका सम्मान हो ही चाहिए। अगर यह शिलाएं देश दुनिया से नही आती तो जन जागरण नही होता।
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