सोनोवाल ने नागरिकता (संशोधन) विधेयक के लोकसभा में पारित होने का स्वागत किया
असम के वित्त, स्वास्थ्य और पीडब्ल्यूडी मंत्री हिमंत विश्व सरमा ने ट्वीट किया कि यह विधेयक ‘‘इतिहास में दर्ज होगा क्योंकि नेहरू-लियाकत समझौते द्वारा की गई एक गलती का यह एक ऐतिहासिक सुधार है।’’ लोकसभा में सोमवार की रात इस विधेयक को सात घंटे से भी अधिक समय तक चली बहस के बाद पारित किया गया।
गुवाहाटी। असम में नागरिकता (संशोधन) विधेयक को लेकर व्यापक विरोध के बीच मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने लोकसभा में इस विधेयक के पारित होने का मंगलवार को स्वागत किया और इसे एक ‘‘ऐतिहासिक क्षण’’ बताया। सोनोवाल ने ट्वीट किया, ‘‘लोकसभा में विधेयक का पारित होना हमारे लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। यह न केवल तीन पड़ोसी देशों के छह उत्पीड़ित अल्पसंख्यक समुदायों को राहत देगा बल्कि असम के मूल निवासियों के लिए संवैधानिक सुरक्षा उपायों का मार्ग भी प्रशस्त करेगा।’’उन्होंने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह को धन्यवाद भी दिया।
असम के वित्त, स्वास्थ्य और पीडब्ल्यूडी मंत्री हिमंत विश्व सरमा ने ट्वीट किया कि यह विधेयक ‘‘इतिहास में दर्ज होगा क्योंकि नेहरू-लियाकत समझौते द्वारा की गई एक गलती का यह एक ऐतिहासिक सुधार है।’’ लोकसभा में सोमवार की रात इस विधेयक को सात घंटे से भी अधिक समय तक चली बहस के बाद पारित किया गया।नागरिकता संशोधन विधेयक (कैब) में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए गैर मुस्लिम शरणार्थी - हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने का पात्र बनाने का प्रावधान है।
The passage of the #CitizenshipAmendmentBill in Lok Sabha is a historic moment for us all. It will not only give relief to 6 persecuted minority communities from 3 neighbouring countries but will also pave the way for constitutional safeguards to the indigenous people of Assam.
— Sarbananda Sonowal (@sarbanandsonwal) December 10, 2019
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