Delhi के लद्दाख भवन के बाहर प्रदर्शन कर रहे Sonam Wangchuk और 20 अन्य लोग हिरासत में लिए गए

Sonam Wangchuk
प्रतिरूप फोटो
ANI

अधिकारी ने कहा, 'उन्होंने (सोनम वांगचुक और 20 अन्य प्रदर्शनकारियों) जंतर मंतर पर प्रदर्शन करने के लिए अर्जी दी है। उनकी अर्जी पर विचार किया जा रहा है। उन्हें किसी और स्थान पर प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं है। हमने कुछ लोगों को हिरासत में लिया है जिन्हें जल्द ही रिहा कर दिया जाएगा।'

नयी दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने रविवार को यहां लद्दाख भवन के बाहर प्रदर्शन करने को लेकर जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक और 20 अन्य प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया। अधिकारियों ने बताया कि वांगचुक और उनके साथ अनशन कर रहे करीब 20 से 25 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है एवं उन्हें मंदिर मार्ग थाने ले जाया गया।

मौके पर कानून एवं व्यवस्था बनाये रखने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। कुछ प्रदर्शनकारियों ने दलील दी कि वे प्रदर्शन नहीं कर रहे थे बल्कि शांतिपूर्वक बैठे थे। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि प्रदर्शनकारियों के पास लद्दाख भवन के बाहर बैठने की अनुमति नहीं है।

इसे भी पढ़ें: बगावत की खबरों को Rao Inderjit Singh ने किया खारिज, कहा- मैं मजबूती से भाजपा के साथ खड़ा हूं

अधिकारी ने कहा, ‘‘उन्होंने जंतर मंतर पर प्रदर्शन करने के लिए अर्जी दी है। उनकी अर्जी पर विचार किया जा रहा है। उन्हें किसी और स्थान पर प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं है। हमने कुछ लोगों को हिरासत में लिया है जिन्हें जल्द ही रिहा कर दिया जाएगा।’’ वांगचुक लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर अपने समर्थकों के साथ लेह से दिल्ली आए हैं। उन्हें दिल्ली पुलिस ने 30 सितंबर को राजधानी के सिंघु बॉर्डर पर हिरासत में ले लिया था और दो अक्टूबर की रात को रिहा किया था। वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित शीर्ष नेताओं से मुलाकात करने की मांग कर रहे हैं।

इसे भी पढ़ें: RG Kar Murder Case । आमरण अनशन पर बैठे जूनियर डॉक्टर्स, हालत बिगड़ने के बाद तीन अस्पताल में भर्ती

संविधान की छठी अनुसूची में पूर्वोत्तर राज्यों-- असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम के आदिवासी क्षेत्रों के प्रशासन के विशेष प्रावधान हैं। उनके अनुसार स्वायत्त परिषदों की स्थापना की जाती है जिनके पास इन क्षेत्रों पर स्वतंत्र रूप से शासन करने के लिए विधायी, न्यायिक, कार्यकारी और वित्तीय शक्तियां हैं। प्रदर्शनकारी लद्दाख को राज्य का दर्जा देने, उसके लिए लोक सेवा आयोग तथा लेह और करगिल जिलों के लिए अलग लोकसभा सीटों की भी मांग कर रहे हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़