गुजरात में जहरीली शराब पीने से अब तक 19 की मौत, पुलिस का दावा- केमिकल पिलाए गए
इलाज करा रहे एक पीड़ित की पत्नी ने बताया कि रविवार रात रोजिद गांव में शराब पीने के कुछ घंटे बाद ही उसके पति की हालत बिगड़ने लगी। वहीं, एक अन्य पीड़ित हिम्मतभाई, जो अब स्वस्थ हो रहा है, ने दावा किया कि रविवार की रात एक तस्कर से खरीदी गई शराब का सेवन करने के बाद कम से कम 15 लोग बीमार पड़ गए।
जिस राज्य में शराबबंदी है वहां कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से 19 लोगों की मौत हो गई है। जबकि 40 से ज्यादा बताए जा रहे हैं। ध्यान रहे कि हम बात बिहार की नहीं बल्कि गुजरात की कर रहे हैं। हालांकि, पुलिस का दावा है कि आरोपी की ओर से शराब नहीं बल्कि शराब के नाम पर लोगों को केमिकल के पाउच दिए गए थे। पुलिस शराब को लेकर साफ तौर पर इंकार कर रही है। पुलिस का सीधा-सीधा दावा है कि मारे गए लोगों ने शराब नहीं बल्कि केमिकल पिया था। पुलिस इसे साजिश का नाम दे रही है और दावा कर रही है कि 3 लेयर में इसे रचा गया था। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार रात बताया कि कुछ मरीजों की हालत गंभीर है। पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में लिया है। गुजरात आतंकवाद रोधी दस्ता (एटीएस) और अहमदाबाद अपराध शाखा भी जांच में शामिल हो गयी हैं।
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इससे पहले, इलाज करा रहे एक पीड़ित की पत्नी ने बताया कि रविवार रात रोजिद गांव में शराब पीने के कुछ घंटे बाद ही उसके पति की हालत बिगड़ने लगी। वहीं, एक अन्य पीड़ित हिम्मतभाई, जो अब स्वस्थ हो रहा है, ने दावा किया कि रविवार की रात एक तस्कर से खरीदी गई शराब का सेवन करने के बाद कम से कम 15 लोग बीमार पड़ गए। पुलिस महानिरीक्षक (भावनगर रेंज), अशोक कुमार यादव ने शाम को बोटाद सिविल अस्पताल का दौरा किया। उन्होंने बताया कि घटना की जांच करने के लिए पुलिस उपाधीक्षक पद के अधिकारी की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया जाएगा। इस बीच, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को गुजरात में जहरीली शराब त्रासदी को ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण’’ करार दिया और आरोप लगाया कि राज्य में जो लोग शराब बेच रहे हैं, उन्हें राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है। राज्य में शराब की बिक्री पर पाबंदी है।
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केजरीवाल ने कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि गुजरात में मद्यनिषेध के बाद भी भारी मात्रा में अवैध शराब बेची जाती है। ये कौन लोग हैं जो शराब बेचते हैं? उन्हें राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है।(शराब की बिक्री से जो) पैसे आते हैं, वे कहां जाते हैं। इसकी जांच की जरूरत है। अब तक के सबर के मुताबिक पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए केमिकल बनाने वाली फैक्ट्री के मालिक समेत 10 लोगों को हिरासत में ले लिया है। उनसे लगातार पूछताछ की जा रही है। दावा किया जा रहा है कि इमोस कंपनी मिथाइल का बिजनेस करती थी। इसमें गोदाम मैनेजर जयेश उर्फ राजू की भूमिका काफी संदिग्ध बताई जा रही है। राजू ने ही गोदाम से केमिकल निकाला था। जयेश ने अपने रिश्तेदार संजय को 60000 रुपये में 200 लीटर मिथाइल दिया था। इसके बाद आरोपियों ने इस केमिकल का शराब नहीं बनाकर उन्हें सीधे पाउच में भरकर लोगों को दे दिए।
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