2014 के बाद से विपक्ष सत्ता के लिये नहीं बल्कि भारत के लिये संघर्ष कर रहा है: राहुल
भारत के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार और अब अमेरिका के कॉर्नेल विश्वविद्यालय में प्रोफेसर कौशिक बसु के साथ बातचीत में राहुल गांधी ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ प्रतिरोध को एक साथ लाते हुए, कांग्रेस पार्टी को लोगों के लिए खुद को खोलना और स्वयं को उनके सामने प्रस्तुत करना होगा।
हालिया चुनावी हार के मद्देनजर कांग्रेस के लिये उनकी दृष्टि के बारे में पूछे जाने पर पार्टी के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ‘‘प्रतिरोधों को एकत्र करें और इसे एक साथ लाएं। सभी मोर्चों पर, विभिन्न प्रकार के लोगों का विरोध है... और कांग्रेस पार्टी को उनका सम्मान करने और उन्हें ग्रहण करने के लिये लचीला होना होगा।’’ उन्हेांने जोर देकर कहा, ‘‘पार्टी को खुद को बदलना होगा। उसे भूमिका अदा करने के लिये स्वयं में बदलाव लाना होगा। याद करिये जब हमने कांग्रेस पार्टी की शुरूआत की थी तो यह मूल रूप से प्रतिरोधों को एक साथ ला रही थी, हमें उन दिनों में निष्क्रिय प्रतिरोध कहा जाता था, क्योंकि हमारा प्रतिरोध हिंसक नहीं था, और हम अब भी वैसे नहीं हैं, इसलिए हम कभी भी हिंसक रूप से कुछ भी नहीं करेंगे, कुछ भी आक्रामक नहीं करेंगे... लेकिन हम भारत की शक्ति को एक साथ लाएंगे।’’ राहुल ने कहा कि कांग्रेस को खुद को भारत के लोगों के लिये खुलना होगा और आगे बढ़ने के लिए इसे खुद को प्रस्तुत करना होगा।I am the first person that says democratic election within party is absolutely critical but it is interesting to me that this question is not asked about any other political party. Nobody asked why is there no internal democracy in BJP, BSP, & Samajwadi Party: Rahul Gandhi (2/2) pic.twitter.com/DnBh0HPodl
— ANI (@ANI) March 2, 2021
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उन्होंने कहा, ‘‘इसे (कांग्रेस को) विनम्र बनना होगा क्योंकि इसका संघर्ष अहंकार से है... यह आसान बदलाव नहीं है बल्कि एक कठिन बदलाव है।’’ राहुल ने कहा कि देश में अभी जो कुछ हो रहा है, उससे बड़ी संख्या में लोग खुश नहीं हैं और कांग्रेस को इन सभी ताकतों को एक साथ लाना होगा। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा वास्तव में मानना है कि न केवल कांग्रेस पार्टी बल्कि पूरा विपक्ष 2014 के बाद सत्ता के लिये संघर्ष नहीं कर रहा है, अब हम भारत के लिये लड़ रहे हैं। हम अब भारत के लिये संघर्ष कर रहे हैं।
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