सिद्धारमैया का तंज, कहा- भाजपा का सरकार बनाना ‘खरीद फरोख्त की जीत’
मौजूदा समीकरण का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि तीन विधायकों के अयोग्य ठहराए जाने के बाद विधानसभा में कुल 221 सदस्य रह गए हैं और इसमें आधे का आंकड़ा 111 है।
बेंगलुरु। वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सिद्धारमैया ने शनिवार को कहा कि कर्नाटक में भाजपा की सरकार “संवैधानिक या नैतिक रूप से गठित” नहीं की गई है तथा इस पूरे प्रकरण को “खरीद-फरोख्त की जीत” बताया। कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धारमैया ने भाजपा पर सरकार बनाने के लिए राज्यपाल के पद के “दुरुपयोग” का आरोप लगाया। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘येदियुरप्पा का बहुमत न होने के बावजूद राज्यपाल के पद का दुरुपयोग कर शपथ लेना अपने आप में संविधान का उल्लंघन है।’’
ಸಮಾಜದಲ್ಲಿ ಇನ್ನೂ ಗುಲಾಮಗಿರಿ ಮನೆ ಮಾಡಿಕೊಂಡಿದೆ. ಈಗಲೂ ಅದರಿಂದ ಹೊರಗಡೆ ಬರಲು ಸಾಧ್ಯವಾಗುತ್ತಿಲ್ಲ. ನಮ್ಮ ನಡವಳಿಕೆಗಳ ಮೂಲಕ ಆಗಾಗ ಗುಲಾಮಗಿರಿಯನ್ನು ತೋರಿಸಿಕೊಳ್ಳುತ್ತಾ ಇರುತ್ತೇವೆ.
— Siddaramaiah (@siddaramaiah) July 27, 2019
ಉದಾಹರಣೆಗೆ, ಮೇಲ್ವರ್ಗದವರನ್ನು ಕಂಡರೆ ಏನ್ ಸ್ವಾಮಿ ಅಂತ ಮಾತನಾಡಿಸ್ತಾರೆ, ಕೆಳವರ್ಗದವರನ್ನು ಕಂಡರೆ ಏಲ್ ಲಾ ಅಂತ ಮಾತನಾಡಿಸ್ತಾರೆ.
ಇದೇ ಗುಲಾಮಗಿರಿ
मौजूदा समीकरण का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि तीन विधायकों के अयोग्य ठहराए जाने के बाद विधानसभा में कुल 221 सदस्य रह गए हैं और इसमें आधे का आंकड़ा 111 है। हालांकि भाजपा के पास सिर्फ 105 विधायक हैं। सिद्धरमैया ने कहा कि भाजपा को 111 विधायकों की सूची सौंपनी होगी। उन्होंने कहा कि मुंबई में रह रहे बागी विधायकों के नाम नहीं दिये जा सकते क्योंकि वे कांग्रेस और जद(एस) से हैं। सिद्धरमैया ने पूछा, “यह (भाजपा की) संवैधानिक या नैतिक रूप से गठित सरकार नहीं है। वे (भाजपा) तब बहुमत कैसे साबित करेंगे? क्या इसकी संविधान के दायरे में कोई मान्यता है?”
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उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस और जद(एस) विधायकों को बंधक नहीं बनाया जाता तो एच डी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार नहीं गिरती। सिद्धरमैया ने कहा, “उन्होंने (भाजपा ने) हमारे विधायकों को प्रलोभन देकर अवैध रूप से बंधक बनाया और अब वो (भाजपा) कह रही है कि यह लोगों की जीत है। नहीं, यह लोगों की जीत नहीं है। यह खरीद-फरोख्तकी जीत है।” पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया कि दो बागी विधायकों ने अयोग्यता को लेकर उनसे संपर्क किया था लेकिन उन्होंने उनके प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया।
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