तेलंगाना विधानसभा चुनाव से पहले बीआरएस को झटका, दो वरिष्ठ नेताओं ने दिया इस्तीफा
उन्होंने कहा कि उनके साथ नगरकुर्नूल जिले के कई अन्य नेता भी कांग्रेस में शामिल हुए हैं। रेड्डी ने कहा कि उनके समर्थकों ने उन्हें कांग्रेस में शामिल होने की सलाह दी थी क्योंकि पार्टी की ओर से हाल ही में घोषित “छह गारंटी” लोगों के लिए फायदेमंद हैं। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस पार्टी उन्हें मौका देती है तो वह चुनाव मैदान में उतरेंगे।
तेलंगाना में सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) को झटका देते हुए शुक्रवार को दो वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी छोड़ दी, जिनमें से एक विधायक और एक विधान परिषद सदस्य हैं। खानापुर से विधायक अजमीरा रेखा ने शुक्रवार को संवाददाता सम्मलेन में पार्टी से इस्तीफा देने की घोषणा की जबकि विधान परिषद सदस्य के. नारायण रेड्डी दिल्ली में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल हो गए। रेखा को आगामी विधानसभा चुनाव में टिकट देने से इनकार कर दिया गया था, इसलिए वह पार्टी से नाराज थीं।
उन्होंने पत्रकारों कहा, “मैंने पिछले 12 वर्षों से इस पार्टी (बीआरएस) की सेवा की है। मैं चुनाव मैदान में रहूंगी। मैं लोगों को मेरी ओर से प्रदान की गई सेवाओं के बारे में बताऊंगी। मैं अपनी ताकत दिखाऊंगीं। मैंने पार्टी से गद्दारी नहीं की है। आपने (पार्टी ने) मुझे धोखा दिया... मैं बीआरएस पार्टी से इस्तीफा दे रही हूं।” उन्होंने आगे कहा कि वह या तो बागी उम्मीदवार के रूप में या किसी अन्य पार्टी के टिकट पर अपने निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगी।
रेड्डी ने दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि हालांकि एमएलसी के रूप में अब भी उनका चार साल का कार्यकाल बाकी है, लेकिन वह खरगे और प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) अध्यक्ष रेवंत रेड्डी की उपस्थिति में कांग्रेस में शामिल हो गए। उन्होंने कहा कि उनके साथ नगरकुर्नूल जिले के कई अन्य नेता भी कांग्रेस में शामिल हुए हैं। रेड्डी ने कहा कि उनके समर्थकों ने उन्हें कांग्रेस में शामिल होने की सलाह दी थी क्योंकि पार्टी की ओर से हाल ही में घोषित “छह गारंटी” लोगों के लिए फायदेमंद हैं। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस पार्टी उन्हें मौका देती है तो वह चुनाव मैदान में उतरेंगे।
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