किसान महापंचायत के प्रतिनिधियों के साथ शिवराज ने की बड़ी बैठक, इन दो मांगों पर क्या बनेगी सहमति?
किसान महापंचायत अध्यक्ष रामपाल जाट ने कहा कि आज चर्चा हुई कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी का कानून बनाकर एक नई क्रांति की शुरुआत की जाए ताकि किसानों को घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम कीमत पर अपनी उपज न बेचनी पड़े।
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नई दिल्ली के पूसा परिसर में किसान महापंचायत के प्रतिनिधियों और देश के अलग-अलग हिस्सों से आए किसानों से मुलाकात की और विभिन्न विषयों पर चर्चा की। इस मुलाकात के बाद शिवराज ने कहा कि आज किसान महापंचायत के मुखिया और उनके संगठन के विभिन्न राज्यों के कई किसान प्रतिनिधियों के साथ चर्चा हुई है। उन्होंने कहा कि चर्चा बहुत सार्थक रही। हमने कई चीजों का गहराई से अध्ययन किया है। मैं यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करूंगा कि किसान आगे बढ़ें और कृषि क्षेत्र की स्थिति में सुधार हो।
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किसान महापंचायत अध्यक्ष रामपाल जाट ने कहा कि आज चर्चा हुई कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी का कानून बनाकर एक नई क्रांति की शुरुआत की जाए ताकि किसानों को घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम कीमत पर अपनी उपज न बेचनी पड़े। भारत सरकार ने 17 वर्षों के विचार-विमर्श के बाद 2017 में एक मॉडल अधिनियम बनाया जिसमें कहा गया है कि किसी भी किसान को घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम कीमत पर अपनी फसल बेचने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा।
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इसके साथ ही उन्होंने कहा कि और हमने दो ही बातें कही हैं, खेतों को पानी मिलेगा, फसल को दाम मिलेगा, तो किसान कर्ज लेने वाला नहीं, कर्ज देने वाला बन जाएगा और जिस दिन किसान कर्ज देने वाला बन जाएगा, उस दिन किसान आत्महत्या का कलंक धुल जाएगा और हमारा देश पूरी दुनिया में नंबर एक बन जाएगा। इससे पहले शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किसानों की छोटी-छोटी समस्याओं को सुलझाने से उनकी आय में 20 प्रतिशत तक की वृद्धि हो सकती है।
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