Maharashtra Assembly Elections : Jalna में शिवसेना और शिवसेना का रहा है दबदबा, समझिए इस बार के चुनाव में किसे मिलेगी जीत
चुनाव का महाराष्ट्र में समय बिलकुल नजदीक आ गया है। लोगों को बस सिर्फ इंतजार इस बात का है कि चुनाव आयोग कब इस राज्य के लिए चुनाव कराने के तारीखों का ऐलान करता है। हालांकि, ऐसी संभावनाएं जताई जा रही है कि दो सप्ताह के अंदर आयोग कभी भी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के तारीखों का ऐलान कर सकता है।
विधानसभा चुनाव का महाराष्ट्र में समय बिलकुल नजदीक आ गया है। लोगों को बस सिर्फ इंतजार इस बात का है कि चुनाव आयोग कब इस राज्य के लिए चुनाव कराने के तारीखों का ऐलान करता है। हालांकि, ऐसी संभावनाएं जताई जा रही है कि दो सप्ताह के अंदर आयोग कभी भी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के तारीखों का ऐलान कर सकता है। ऐसे में जालना विधानसभा सीट को जानने की कोशिश करेंगे। जालना विधानसभा क्षेत्र पश्चिमी भारत में महाराष्ट्र राज्य के 288 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। जालना पांच अन्य विधानसभा क्षेत्रों के साथ जालना लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा है। जिस पर 2019 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी।
इस विधानसभा सीट पर साल 1978 में पहली बार चुनाव हुआ था। जिसके बाद 1985 तक इस सीट पर कांग्रेस को जीत मिलती रही फिर 1990 में यह सीट शिवसेना के पास चली गई। जिसके बाद 1995 में भी शिवसेना ने ही इस सीट पर जीत दर्ज की थी। 1999 में जालना विधानसभा सीट पर एक बार फिर कांग्रेस आई। शिवसेना ने इसके बाद 2004 से लेकर 2014 तक वापसी करते हुए एकबार फिर जीत हासिल की थी। इस सीट पर कांग्रेस और शिवसेना के बीच ही चुनावी जंग जारी रही है।
जालना विधानसभा के जातीय समीकरण
यह विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र महाराष्ट्र राज्य के 288 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। यह सीट किसी भी वर्ग के लिए आरक्षित नहीं है। जालना विधानसभा में अनुसूचित जाति के मतदाता लगभग 45,093 हैं। अनुसूचित जनजाति के मतदाता लगभग 4,335 हैं। यहाँ मुस्लिम मतदाता लगभग 64,696 हैं, जो मतदाता सूची विश्लेषण के अनुसार लगभग 20% है। 2019 के संसदीय चुनाव के आंकड़ों के अनुसार जालना विधानसभा के कुल मतदाता 323481 हैं।
इस बार किसे मिलेगी जीत?
इस विधानसभा सीट के विश्लेषण में एक बात तो साफ नजर आ रही है कि यहां की जनता ज्यादातर बार कांग्रेस और बीजेपी को चुना है। इस लिहाज से देखा जाए तो इस बार भी शिवसेना या कांग्रेस की एक बार फिर वापसी की उम्मीद जतायी जा रही है।
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