शरद पवार ने PM मोदी को लिखा पत्र, कहा- सहकारी बैंकों के सहकारी स्वरूप की हो रक्षा
शरद पवार ने कहा, ‘‘आपने (मोदी) कहा कि सहकारी बैंकों को रिजर्व बैंक की निगरानी में लाया गया है ताकि मध्यम वर्ग के हितों की रक्षा हो सके।’’
मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि सहकारी बैंकों का अस्तित्व और उनका सहकारी चरित्र संरक्षित किया जाना चाहिए। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने इस धारणा को खारिज किया कि सहकारी बैंक अन्य बैंकों की तुलना में खराब हैं, अथवा उन्हें निजी संस्थाओं में परिवर्तित करने से धोखाधड़ी या अनियमितताएं समाप्त हो जाएंगी। पवार ने अपने पत्र को मंगलवार को ट्विटर पर डाला है। इसमें मोदी के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर राष्ट्र को संबोधन का जिक्र किया गया है। पवार ने कहा, ‘‘आपने (मोदी) कहा कि सहकारी बैंकों को रिजर्व बैंक की निगरानी में लाया गया है ताकि मध्यम वर्ग के हितों की रक्षा हो सके।’’
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उन्होंने कहा, ‘‘मैं इसका स्वागत करता हूं और इस उद्देश्य की सराहना करता हूं।’’ पवार ने कहा, ‘‘हालांकि ईमानदारी पूर्वक मेरा यह भी कहना है कि सहकारी बैंकों और उनके सहकारी चरित्र को संरक्षित किया जाना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि सहकारी बैंक ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़रहे हैं। पवार ने कहा कि व्यापक शाखा नेटवर्क से रिजर्व बैंक के लिये सभी शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) की हर साल जांच करना असंभव है। उन्होंने कहा कि इसीलिए केंद्रीय बैंक 1993 सेयूसीबी को निजी बैंकों में तब्दील करने का प्रयास कर रहा है लेकिन सफल नहीं हो पाया।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘...हालांकि मैं आपसे इस बात पर सहमत हूं कि बैंकों में वित्तीय अनुशासन होना चाहिए लेकिन यह कहना गलत है कि सहकारी बैंकों को निजी बैंकों में तब्दील करने से कोष के गबन, वित्तीय अनियमितताएं और धोखाधड़ी पर पूरी तरह से लगाम लग जाएगी।’ उन्होंने कहा कि आरबीआई के अनुसार 2019-20 मेंसार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों से क्रमश: 3,766 और 2,010 धोखाधड़ी की रिपोर्ट आयी जबकि सहकारी बैंकों में यह संख्या केवल 181 थी।’’
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पवार ने कहा कि इसी दौरान कुल 64,509.90 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से जुड़ी थी जो वर्ष के दौरान बैंकों में धोखाधडी में फंसी कुल राशि का 90.20 प्रतिशत है। वहीं निजी क्षेत्रों बैंकों में 5,515.10 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की रिपोर्ट की गयी है जो कुल राशि का 7.69 प्रतिशत है। उन्होंने कहा, ‘‘इसीलिए यह कहना सही नहीं है कि वित्तीय अनियमितताएं या कोष की गड़बड़ी केवल सहकारी बैंकों में होती है।’’ उन्होंने पत्र में प्रधानमत्री से मामले को व्यक्तिगत रूप से देखनेऔर सहकारी बैंकों के साथ न्याय करने का आग्रह किया है।
I have written a letter to Hon. @PMOIndia Shri @narendramodi to express my deep concern about the preservation of the ‘Co-operative’ character of Co-operative banks having legacy of more than 100 years. pic.twitter.com/CZ6IBu4kZ1
— Sharad Pawar (@PawarSpeaks) August 18, 2020
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