सत्र अदालत केजरीवाल, संजय सिंह की अर्जी पर 10 दिन में फैसला करे : गुजरात उच्च न्यायालय

arvind kejriwal
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उन्होंने कहा, ‘‘कोई उन्हें अर्जी (सुनवाई स्थगित करने के लिये) दायर करने से नहीं रोक सकता और विद्वान मजिस्ट्रेट आवेदन पर विचार कर सकते हैं। इस बीच पुनरीक्षण याचिका पर अंतिम सुनवाई की तारीख तय की जा सकती है। हमें कोई आपत्ति नहीं हो सकती।

गुजरात उच्च न्यायालय ने मंगलवार को यहां एक सत्र अदालत को निर्देश दिया कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री पर आप नेता अरविंद केजरीवाल और संजय सिंह की टिप्पणियों को लेकर दायर आपराधिक मानहानि मामले में उन्हें तलब करने के निचली अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली आप नेताओं की याचिकाओं को किसी अन्य न्यायाधीश के पास स्थानांतरित कर दे। न्यायमूर्ति समीर दवे की पीठ ने अहमदाबाद के प्रधान सत्र न्यायाधीश को निर्देश दिया कि मेट्रोपोलिटन अदालत द्वारा जारी सम्मन के खिलाफ दोनों नेताओं की पुनरीक्षण याचिका को किसी अन्य न्यायाधीश को भेजा जाए, जो मामला सौंपे जाने से 10 दिन के अंदर उस पर फैसला करेंगे।

उन्हें बताया गया कि मामले की सुनवाई कर रहे प्रभारी न्यायाधीश छुट्टी पर हैं और उन्होंने इसके लिये 16 सितंबर की तारीख तय की है, जबकि मेट्रोपोलिटन अदालत में 31 अगस्त को मामले की सुनवाई होनी थी। उच्च न्यायालय ने इसके बाद आप के दोनों नेताओं की याचिका का निस्तारण कर दिया। शिकायतकर्ता गुजरात विश्वविद्यालय की ओर से वकील निरुपम नानावटी ने कहा कि वे सत्र अदालत में अंतिम सुनवाई  

उनकी पुनरीक्षण याचिकाओं के निपटारे तक उचित अवधि के लिए मेट्रोपॉलिटन अदालत के समक्ष आपराधिक मामले की सुनवाई को स्थगित करने की आप नेताओं की याचिका का विरोध नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘कोई उन्हें अर्जी (सुनवाई स्थगित करने के लिये) दायर करने से नहीं रोक सकता और विद्वान मजिस्ट्रेट आवेदन पर विचार कर सकते हैं। इस बीच पुनरीक्षण याचिका पर अंतिम सुनवाई की तारीख तय की जा सकती है। हमें कोई आपत्ति नहीं हो सकती।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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