दिल्ली दंगा मामले में सुरक्षाप्राप्त गवाहों ने मुख्य आरोपियों पर भड़काऊ भाषण देने का लगाया आरोप
आरोपपत्र के अनुसार एक गवाह ने अपने बयान में कहा, ‘‘ अपने भाषणों के जरिए उन्होंने वहां इकट्ठा हुए लोगों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और हिंदुत्व के खिलाफ भड़काने का प्रयास किया। इशरत जहां, खालिद सैफी और अन्य ने अपने भाषणों में ‘‘ हिंदुओं से आजादी, ‘मोदी और अमित शाह से आजादी’ का आह्वान किया।
नयी दिल्ली। सुरक्षाप्राप्त गवाहों ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस की पार्षद इशरत जहां, कार्यकर्ता खालिद सैफी और अन्य ने संशोधित नागरिकता कानून के विरूद्ध अपने प्रदर्शन के दौरान शीर्ष भाजपा नेताओं और ‘हिंदुत्व’ के खिलाफ भड़काऊ भाषण दिये। दिल्ली पुलिस ने अपने आरोपपत्र में यह कहा है। आरोपपत्र में कहा गया है कि संशोधित नागरिकता कानून और सरकार के खिलाफ विभिन्न स्थानों पर प्रदर्शन के दौरान भड़काऊ भाषण दिये गये। आरोपपत्र के अनुसार एक गवाह ने अपने बयान में कहा, ‘‘ अपने भाषणों के जरिए उन्होंने वहां इकट्ठा हुए लोगों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और हिंदुत्व के खिलाफ भड़काने का प्रयास किया।
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इशरत जहां, खालिद सैफी और अन्य ने अपने भाषणों में ‘‘ हिंदुओं से आजादी, ‘मोदी और अमित शाह से आजादी’ का आह्वान किया और कहा कि सरकार हिंदुओं के पक्ष और मुसलमानों के विपक्ष में है।’’ यहां सोलह सितंबर को दाखिल किये गये आरोपपत्र में कहा गया है कि सीआरपीसी की धारा 161 के तहत दर्ज किये गये गवाहों के बयानों से खुलासा होता है कि वक्ताओं ने न केवल सीएए के खिलाफ बल्कि सरकार और देश के खिलाफ भी भाषण दिया।
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