सिंधिया ने ऐसा कृत्य किया था कि उनके परिवार का 200 साल का इतिहास लोगों को याद आ गया- जीतू पटवारी
मध्य प्रदेश के एक-एक व्यक्ति ने यह देखा, कांग्रेस के कार्यकर्ता ने देखा, आम जन ने देखा भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस के लोगों ने भी देखा। षणयंत्र हुए, खरीदी-बिक्री हुई, प्रलोभन हुए, भ्रम, झूठ,पाखंड हर तरह का मायाजाल रचने का प्रयास हुआ। फिल्मों की तरह शिवराज सिंह चौहान और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मिलकर किया यह सब मध्य प्रदेश की जनता ने देखा।
भोपाल। कांग्रेस की लोकतांत्रिक तरीके से जनमत से चुनी हुई सरकार को शिवराज सिंह चौहान, ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी ने मिलकर गिराने का महापाप किया है। तीन बार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बयान देते रहे कि चिमटे से भी नहीं छुऊंगा ऐसी सत्ता को जिसमें मुझे बहुमत न मिला हो। मन बदला, लालच आया, षणयंत्र रचा खरीदी बिक्री हुई देश की सरकार से मिलकर, प्रधानमंत्री से मिलकर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने आप को और अपने 22 लोगों को बेंचा दुनियां ने देखा। यह बात मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष, पूर्व मंत्री और वर्तमान मीडिया अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कही।
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पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि 2018 में राहुल जी ने, कांग्रेस पार्टी ने दो चेहरों के साथ हमें मध्य प्रदेश के चुनाव में भेजा था पहला चेहरा कमलनाथ जी का था जो अध्यक्ष बने और दूसरे नम्बर पर ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रचार समिति का अध्यक्ष बनाया था। 15 साल भारतीय जनता पार्टी की यातनाओं को झेलते हुए कांग्रेस के कार्यकर्ता ने अटूट मेहनत की और हमारी सरकार आई लेकिन दूसरे नम्बर के चेहरे ने ही हमारी पीठ में लोकतंत्र की पीठ में छुरा घोप दिया। मध्य प्रदेश के एक-एक व्यक्ति ने यह देखा, कांग्रेस के कार्यकर्ता ने देखा, आम जन ने देखा भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस के लोगों ने भी देखा। षणयंत्र हुए, खरीदी-बिक्री हुई, प्रलोभन हुए, भ्रम, झूठ,पाखंड हर तरह का मायाजाल रचने का प्रयास हुआ। फिल्मों की तरह शिवराज सिंह चौहान और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मिलकर किया यह सब मध्य प्रदेश की जनता ने देखा। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ऐसा कृत्य किया जैसे सोते हुए बच्चों को उसका पिता गोली मार दे। जिसको हम आगे लेकर आए उसी ने अपने अहम, अहंकार, घमंड में ऐसी परिस्थियां निर्मित की जिसमें उनके 200 साल का इतिहास पूरे प्रदेश को याद आ गया। उप चुनाव में कुर्सियां खाली रहने लगी, पहले टाइगर आया, फिर कौआ आया और फिर ऐसा शब्द बोला जो मुझे भी बोलने में शर्म आती है।
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कमलनाथ जी पर आरोप प्रत्यारोप हुए, उद्देश्य था जनता को मूल मुद्दों से भ्रमित करते रहे। इधर-उधर की बात करना लेकिन कमलनाथ जी अपने मूल उद्देश्य से नहीं भटके और जनता से पूछते रहे कि आखिर उन्होंने ऐसा क्या किया जो ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उन्हें धोखा दिया। उन्होंने 15 साल बनाम 15 महिने की सरकार की उपलब्धिया बताते रहे। उप चुनाव की सभाओं में अद्भुत भीड़ उनके स्वागत में उमड़ी यह घोतक थी कि प्रदेश के 28 सीटों की जनता भाजपा को धूल चटाएगी। कमलनाथ जी को भाजपा नेताओं ने क्या-क्या नहीं कहा उनका उपहास उड़ाया गया, शिवराज जी ने उन्हें पापी कहा, भाजपा अध्यक्ष ने उन्हें कलंकनाथ कहा, इंदौर सांसद ने कमरनाथ कहा और भाजपा के पूर्व अध्यक्ष इन सबसे आगे जाकर आतंकवादी तक कह दिया। ये मर्यादा, ये शब्द भारतीय जनता पार्टी द्वारा कहे गए जो जनता के सामने है। ये ऐसी स्थिति है जैसे उल्टा चोर कोतवाल को डांटे। भारतीय जनता पार्टी के नेता ऐसे अलग-अलग परसेप्शन बनाते रहे। कभी कहा मैं गरीब हूँ, मैं किसान हूँ, मुझे भूखा कह दिया लेकिन जनता ने सब चीजों को नकारते हुए कमलनाथ जी जो मुद्दे लेकर आए थे उस पर चुनाव चलता रहा। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जो कहा उन शब्दों को लेकर मुझे शर्म आती है। कांग्रेस पार्टी राजनैतिक मर्यादा का पालन करती है हमारी हर परिस्थिति में राजनैतिक मर्यादा कांग्रेस पार्टी का मूल भाव होता है। जीतू पटवारी ने कहा कि इसके बावजूद भी प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर जनता ने लोकतंत्र को जीवित रखने के लिए महा मतदान किया, जिसको लेकर वह और कांग्रेस पार्टी जनता का आभार व्यक्त करती है।
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इस दौरान जीतू पटवारी ने शिवराज सरकार पर आरोप भी लगाया कि नगरीय निकायों के कर्मचारियों को दो-दो, तीन-तीन महिनों से वेतन नहीं मिला है। भाजपा सरकार कंगाली के करार पर आकर नीतिगत निर्णय लेकर एक दो दिन में पेट्रोल-डीजल के दाम न बढा दे उन्होंने इसकी भी आशंका व्यक्त करते हुए कहा कि 10 तारीख तक शिवराज सरकार को कोई नीतिगत निर्णय नहीं लेना चाहिए क्योंकि 10 नवम्बर के बाद कांग्रेस की कमलनाथ सरकार एक बार फिर आने वाली है। उन्होंने कहा कि उप चुनावों में मेहगाँव और सुमावली में पुलिस की मौजूदगी में बूथ लूटने की कोशिश और तोड़फोड की गई वहाँ निर्वाचन आयोग को नीतिगत निर्णय लेकर पुनः चुनाव करवाना चाहिए। कमलनाथ जी कि नीतियों और उनके कामों को लेकर जनता ने भारी मतदान किया है जिसका परिणाम कांग्रेस के पक्ष में आने वाला है।
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