शरद पवार को संजय राउत ने बताया भीष्म पितामह, बोले- अगर वह राष्ट्रपति चुनाव लड़ते तो...
संजय राउत ने कहा कि शरद पवार बहुत बड़े नेता है। इस देश के विरोधी दलों की जो राजनीति है उसके वे भीष्म पितामह हैं। उन्होंने कहा कि अगर पवार साहब चुनाव लड़ने के लिए हां कहते तो इस चुनाव को एक बहुत बड़ा आयाम और प्रतिष्ठा मिल जाती।
राष्ट्रपति चुनाव को लेकर देश में राजनीतिक हलचल बढ़ी हुई है। विपक्ष की ओर से एक साझा उम्मीदवार उतारने पर विचार किया जा रहा है। इसको लेकर विपक्ष ने एक बड़ी बैठक भी की है जिसको तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुलाया था। विपक्ष की ओर से शुरू से ही शरद पवार का नाम राष्ट्रपति चुनाव के लिए चल रहा था। लेकिन शरद पवार ने राष्ट्रपति चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया। विपक्ष के नेताओं का मानना था कि शरद पवार के नाम पर आम सहमति बनाने में कोई मुश्किल नहीं आती और वह इस पद के लिए बेहतर दावेदार भी थे। हालांकि, शरद पवार के इनकार के बाद अब नए राष्ट्रपति उम्मीदवार की तलाश में विपक्ष जुट गया है। इन सब के बीच शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने बड़ा बयान दिया है। संजय राउत ने साफ तौर पर कह दिया है कि वर्तमान में राजनीति के भीष्म पितामह शरद पवार है।
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न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक संजय राउत ने कहा कि शरद पवार बहुत बड़े नेता है। इस देश के विरोधी दलों की जो राजनीति है उसके वे भीष्म पितामह हैं। उन्होंने कहा कि अगर पवार साहब चुनाव लड़ने के लिए हां कहते तो इस चुनाव को एक बहुत बड़ा आयाम और प्रतिष्ठा मिल जाती। इसके साथ ही शिवसेना नेता ने आगे कहा कि लेकिन पवार साहब ने कुछ कारणों से कहा है कि मैं चुनाव नहीं लड़ सकता हूं। अगर कोई उनके कद का दूसरा उम्मीदवार हमें दिखता है तो उनको खड़ा करना पड़ेगा लेकिन सर्वसम्मति के नाम पर कोई नहीं चलेगा। विपक्षी दलों की बैठक में बुधवार को कई दलों के नेताओं ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार को संयुक्त विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनने का अनुरोध किया लेकिन उन्होंने एक बार फिर इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया।
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सूत्रों के मुताबिक पवार द्वारा प्रस्ताव को ठुकराए जाने के बाद विपक्ष के संभावित उम्मीदवार के रूप में वरिष्ठ नेता फारूक अब्दुल्ला और पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपाल कृष्ण गांधी के नाम भी सामने आएं। राष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के खिलाफ संयुक्त उम्मीदवार उतारने पर आम सहमति बनाने के लिए बनर्जी द्वारा बुलाई गई विपक्षी दलों की इस बैठक में कांग्रेस, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक), राकांपा और समाजवादी पार्टी (सपा) सहित करीब 17 राजनीतिक दलों के नेता शरीक हुए। सूत्रों के मुताबिक विपक्षी दलों की एक और बैठक पवार ने 20 जून को बुलाई है। पवार ने एक ट्वीट में कहा कि मैं विपक्षी दलों का आभारी हूं कि उन्होंने राष्ट्रपति पद के लिए होने वाले चुनाव में उम्मीदवार के तौर पर दिल्ली में आज हुई बैठक में मेरे नाम का सुझाव दिया। हालांकि मैं यह बताना चाहता हूं कि मैंने विनम्रता से इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया।
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