SC में सुनवाई से पहले संजय राउत का बयान, महाराष्ट्र में जो सरकार को थोपा गया, वह पूरी तरह से अवैध है

Sanjay Raut
ANI
अंकित सिंह । Jul 11 2022 10:38AM

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने रविवार को कहा था कि वह महसूस करते हैं कि महा विकास आघाडी (एमवीए) के तीनों घटकों शिवसेना, कांग्रेस, राकांपा को वर्ष 2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ना चाहिए। हालांकि, पवार ने कहा कि इस मुद्दे पर फैसला पार्टी और गठबंधन में शामिल घटकों के साथ बातचीत कर के ही लिया जाएगा।

एकनाथ शिंदे और उनके गुट के 15 विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग संबंधी उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाले शिवसेना धड़े की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई होने वाली है। सुनवाई से पहले शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत का भी बयान सामने आया है। अपने बयान में राउत ने कहा कि जिस तरह से महाराष्ट्र में एक सरकार को थोपा, वह पूरी तरह से अवैध है। उन्होंने दावा किया कि यह सरकार संविधान के मुताबिक नहीं बनी है। यह विधायकों के अयोग्य होने का मुद्दा है। सर्वोच्च न्यायालय में एक फैसला हो रहा है, उससे पता चलेगा कि देश में संविधान, क़ानून है या उसकी हत्या हो चुकी है। 

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इसके साथ ही जब संजय राउत ने शरद पवार के बयान 'महा-विकास अघाड़ी का गठबंधन 2024 में साथ में चुनाव लड़ेंगे' पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। संजय राउत ने कहा कि शरद पवार साहब की जो भूमिका है वह समन्वय की भूमिका है और उस बारे में हम सब लोग बैठकर जरूर बात करेंगे। दरअसल, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने रविवार को कहा था कि वह महसूस करते हैं कि महा विकास आघाडी (एमवीए) के तीनों घटकों शिवसेना, कांग्रेस, राकांपा को वर्ष 2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ना चाहिए। हालांकि, पवार ने कहा कि इस मुद्दे पर फैसला पार्टी और गठबंधन में शामिल घटकों के साथ बातचीत कर के ही लिया जाएगा।

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दूसरी ओर महाराष्ट्र विधानसभा सचिव ने राज्य के कुल 55 शिवसेना विधायकों में से 53 को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इनमें से 39 विधायक एकनाथ शिंदे के खेमे के और 14 विधायक उद्धव ठाकरे नीत गुट के हैं। ठाकरे खेमे के 14 विधायकों में से एक संतोष बांगर चार जुलाई को सरकार के शक्ति परीक्षण के दिन शिंदे खेमे में शामिल हो गए थे। दोनों पक्षों के विधायकों ने कारण बताओ नोटिस मिलने की पुष्टि की। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर क्रमश: तीन और चार जुलाई को विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव और विश्वास प्रस्ताव पर मतदान के दौरान पार्टी व्हिप की अवहेलना करने का आरोप लगाते हुए दोनों पक्षों के विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की है।

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