Sandeshkhali की घटना पर Mamata Vs BJP: ममता बनर्जी ने कहा- संदेशखालि को RSS ने बनाया अपना बंकर, भाजपा बोली- बंगाल में लगे राष्ट्रपति शासन

Mamata Banerjee
ANI

भाजपा ने कहा है कि पश्चिम बंगाल पुलिस चूंकि आरोपियों से मिली हुई है इसलिए इस मामले की एनआईए से जांच करानी चाहिए क्योंकि यह एक बड़ी साजिश नजर आ रही है। भाजपा ने स्थानीय महिलाओं से बात करने के लिए पार्टी की एक समिति भी गठित की है।

पश्चिम बंगाल के संदेशखालि में टीएमसी नेताओं और कार्यकर्ताओं की ओर से किये गये हिंदू महिलाओं के यौन उत्पीड़न का मुद्दा अब राजनीतिक रंग ले चुका है। जहां एक ओर भाजपा संदेशखालि की महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए विधानसभा से लेकर सड़कों तक में हंगामा कर रही है वहीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि संदेशखालि में राजनीतिक साजिशें हो रही हैं। उन्होंने इस मुद्दे पर विधानसभा में दिये बयान में कहा है कि हमने इस मामले में कार्रवाई की है और जांच के लिए कमेटी बनाई है लेकिन माहौल बिगाड़ने के लिए भाजपा बाहर के लोगों को यहां ला रही है। ममता बनर्जी ने यहां तक आरोप लगाया कि संदेशखालि आरएसएस का बंकर है और भाजपा ने इस क्षेत्र को दंगा स्पॉट बना दिया है। ममता बनर्जी ने कहा कि हमने कभी अन्याय का समर्थन नहीं किया और इस मामले में अब तक 17 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। हालांकि ममता बनर्जी ने टीमएसी नेता शाहजहां शेख की गिरफ्तारी पर कुछ नहीं कहा जोकि पिछले महीने से फरार है। हम आपको बता दें कि शाहजहां शेख और उसके सहयोगियों के खिलाफ जबरन जमीन पर कब्जा करने और हिंदू महिलाओं का यौन उत्पीड़न करने जैसे गंभीर आरोप हैं। पिछले महीने प्रवर्तन निदेशालय की टीम राशन घोटाले की जांच के सिलसिले में शाहजहां शेख के आवास पर छापेमारी करने गई थी। इस दौरान शाहजहां शेख समर्थकों ने ईडी के अधिकारियों पर हमला कर दिया था।

दूसरी ओर भाजपा ने कहा है कि पश्चिम बंगाल पुलिस चूंकि आरोपियों से मिली हुई है इसलिए इस मामले की एनआईए से जांच करानी चाहिए क्योंकि यह एक बड़ी साजिश नजर आ रही है। भाजपा ने स्थानीय महिलाओं से बात करने के लिए पार्टी की एक समिति भी गठित की है। राज्यपाल ने भी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पुलिस संदेशखालि में उपद्रवी तत्वों से मिली हुई है। यहां तक कि स्थानीय महिलाएं भी मीडिया से बातचीत में यही कह रही हैं कि उन्हें बोलने नहीं दिया जा रहा है और उन्हें भय है कि जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है वह छूटने के बाद उनके साथ क्या बर्ताव करेंगे।

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इस बीच, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के एक दल ने आज पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के हिंसाग्रस्त संदेशखालि का दौरा किया। आयोग के अध्यक्ष अरुण हलदर के नेतृत्व में दल ने इलाके के निवासियों से बात की जहां मुख्य रूप से अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा समुदाय के लोग रहते हैं। इस दौरान यौन उत्पीड़न झेलने वाली महिलाओं ने अपनी जो दासतां सुनाई उसे सुन कर आयोग का दल हैरान रह गया। एक ओर जहां अध्यक्ष अरुण हलदर ने आरोप लगाया कि हमारे कार्य में बाधा पहुँचाई जा रही है वहीं राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की सदस्य अंजू बाला ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कुछ भी बताना नहीं चाहतीं और महिलाओं पर अत्याचार की FIR दर्ज नहीं करतीं इसलिए देश उन्हें माफ नहीं करेगा। हम चाहते हैं कि संदेशखालि की घटना को देखते हुए यहां राष्ट्रपति शासन लगाया जाए क्योंकि यहां लोग बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं हैं।

हम आपको यह भी बता दें कि एक ओर जहां टीएमसी के नेताओं द्वारा स्थानीय लोगों के साथ किए जा रहे अत्याचारों को लेकर इलाके में विरोध प्रदर्शन जारी है। वहीं पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने भाजपा के अन्य विधायकों के साथ बस से संदेशखालि के लिए रवाना हुए। इस मुद्दे को लेकर भाजपा की ओर से पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन किये जा रहे हैं साथ ही पश्चिम बंगाल विधानसभा में भाजपा के विधायकों ने संदेशखालि मुद्दे पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बयान देने की मांग करते हुए आज सदन से 'वॉक आउट' भी किया। उधर, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पार्टी सांसदों की छह सदस्यीय एक समिति गठित की है जो शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के संदेशखालि का दौरा करेगी। भाजपा की ओर से जारी एक बयान के अनुसार केंद्रीय मंत्री प्रतिमा भौमिक और अन्नपूर्णा देवी, सांसद सुनीता दुग्गल, कविता पाटीदार, संगीता यादव और उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी व राज्यसभा के सदस्य बृजलाल समिति का हिस्सा हैं। 

हम आपको यह भी बता दें कि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने गृह मंत्रालय को एक रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें उन्होंने पुलिस पर संदेशखालि में ‘‘उपद्रवी तत्वों’’ के साथ मिले होने का आरोप लगाया है। राजभवन सूत्रों ने बताया है कि राज्यपाल बोस ने रिपोर्ट में कहा है कि स्थानीय लोग अपने आरोपों की जांच के लिए एक विशेष कार्य बल या विशेष जांच दल का गठन चाहते हैं। हम आपको याद दिला दें कि राज्यपाल बोस ने सोमवार को अशांत क्षेत्र का दौरा किया था और प्रदर्शनकारियों से बातचीत भी की। बोस ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को दी रिपोर्ट में कहा, ''मैंने पीड़ितों से बातचीत की और संदेशखालि का दौरा करके मामले का जायजा लिया है। मेरी राय में, वहां की स्थिति बेहद निंदनीय है।’’ राज्यपाल ने रिपोर्ट में यह भी कहा है कि पुलिस, उपद्रवियों के खिलाफ शिकायत दर्ज करने के बजाय स्थानीय लोगों को उनके साथ समझौता करने की सलाह दे रही है। रिपोर्ट में कहा कि पीड़ितों यह भावना व्यापत है कि पुलिस उपद्रवियों के साथ मिली हुई है।

उधर, भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के प्रमुख सुकांत मजूमदार बुधवार को उत्तर 24 परगना जिले के टाकि में एक विरोध-प्रदर्शन को संबोधित करते समय एक अज्ञात महिला द्वारा ‘‘धक्के दिए जाने’’ के बाद कार के बोनट पर गिरने से घायल होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराये गये हैं। हालांकि सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस ने सुकांत मजूमदार पर नाटक करने का आरोप लगाया। बहरहाल, संदेशखालि जाने के दौरान विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा, 'जैसा कि मैंने घोषणा की थी कि 15 फरवरी को मैं स्थानीय लोगों से मिलने के लिए संदेशखालि ब्लॉक जाऊंगा। इसलिए पुलिस को मुझे रोकने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।' उन्होंने कहा कि भाजपा और अन्य विपक्षी कार्यकर्ताओं को क्षेत्र में प्रवेश करने से रोकने के लिए संदेशखालि क्षेत्र में और उसके आसपास भारी पुलिस दल तैनात किया गया है।

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