RSS ने Rahul Gandhi के Fascist Remark का दिया जवाब, भारत को पहले से ही हिंदू राष्ट्र भी बताया

Dattatreya Hosabale
ANI

भारत में लोकतंत्र खतरे में होने संबंधी विपक्ष के आरोपों पर संघ ने कहा कि लोकतंत्र असल में आपातकाल के समय खतरे में था। जब समलैंगिक विवाहों के संदर्भ में प्रश्न पूछा गया तो संघ ने कहा कि भारतीय समाज में विवाह संस्कार है और यह सिर्फ शारीरिक संबंधों का विषय नहीं है।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा है कि भारत पहले से ही एक 'हिंदू राष्ट्र' है। उन्होंने कहा है कि हिंदू राष्ट्र एक 'सांस्कृतिक अवधारणा' है और इसे संविधान द्वारा स्थापित करने की आवश्यकता नहीं है। हरियाणा के समालखा में आरएसएस की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा के समापन अवसर पर संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए होसबाले ने तमाम सवालों के जवाब भी दिये। राहुल गांधी के आरएसएस पर लगाये जा रहे आरोपों के संबंध में उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को जिम्मेदार राजनीतिज्ञ की तरह व्यवहार करना चाहिए। भारत में लोकतंत्र खतरे में होने संबंधी विपक्ष के आरोपों पर उन्होंने कहा कि लोकतंत्र असल में आपातकाल के समय खतरे में था। जब उनसे समलैंगिक विवाहों के संदर्भ में प्रश्न पूछा गया तो होसबाले ने कहा कि भारतीय समाज में विवाह एक संस्कार है और यह सिर्फ शारीरिक संबंधों का विषय नहीं है। होसबाले ने संवाददाता सम्मेलन के दौरान संघ के आगामी लक्ष्यों को तो सामने रखा ही साथ ही संघ पर लगाये जाने वाले तमाम आरोपों का भी तथ्यों के साथ जवाब दिया।

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हम आपको यह भी बता दें कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की निर्णय लेने की शीर्ष संस्था ने कहा है कि विश्व में कुछ ताकतें ‘‘भारतीय’’ पुनरुत्थान को स्वीकार नहीं कर रहीं हैं और वे देश के भीतर एवं बाहर ‘‘हिंदुत्व विचार’’ का विरोध कर रही हैं और समाज में आपसी अविश्वास एवं अराजकता पैदा करने के लिए ‘‘नए षड्यंत्र’’ रच रही हैं। आरएसएस की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा ने कहा है कि इस प्रकार की ताकतों के मंसूबों को विफल करने की आवश्यकता है। प्रतिनिधि सभा ने अपनी बैठक में एक प्रस्ताव पारित करते हुए लोगों से विभाजनकारी ताकतों को लेकर सतर्क रहने का आग्रह किया। प्रतिनिधि सभा ने कहा, ‘‘हिंदुत्व के विचार का विरोध करने वाली देश के भीतर और बाहर की अनेक ताकतें निहित स्वार्थों और भेदों को उभार कर समाज में परस्पर अविश्वास, तंत्र के प्रति अविश्वास और अराजकता पैदा करने हेतु नए-नए षड्यंत्र रच रही हैं। हमें इन सबके प्रति जागरूक रहते हुए उनके मंतव्यों को भी विफल करना होगा।''

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