जयंत चौधरी नहीं लड़ेंगे विधानसभा चुनाव, अखिलेश संग गठबंधन में इन सीटों पर लड़ेगी रालोद
सूत्रों के हवाले से बताया कि रालोद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शामिल हुए रालोद के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि जयंत चौधरी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने वाले हैं। रालोद ने शुक्रवार को पार्टी नेताओं के सामने समाजवादी पार्टी के साथ अपने गठबंधन का औपचारिक ऐलान किया है।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इससे पहले राजनीतिक पार्टियां समान विचारधारा वाली पार्टियों को एकजुट करने में जुटी हुई हैं। ऐसे में समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव और राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) प्रमुख जयंत चौधरी एकसाथ चुनावी मैदान पर उतरने वाले हैं, जिसकी उन्होंने पहले ही घोषणा कर दी थी। लेकिन अभी चौंका देने वाली खबर सामने आई है। आपको बता दें कि रालोद प्रमुख जयंत चौधरी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। उन्होंने खुद शुक्रवार को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में यह घोषणा की।
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चुनाव नहीं लड़ेंगे जयंत चौधरी
अंग्रेजी न्यूज वेबसाइट 'इकोनॉमिक्स टाइम्स' ने सूत्रों के हवाले से बताया कि रालोद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शामिल हुए रालोद के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि जयंत चौधरी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने वाले हैं। रालोद ने शुक्रवार को पार्टी नेताओं के सामने समाजवादी पार्टी के साथ अपने गठबंधन का औपचारिक ऐलान किया है। एक दिन पहले ही अखिलेश यादव से मिलने के लिए जयंत चौधरी लखनऊ गए थे। वहीं गोंडा में अखिलेश यादव ने बताया था कि दोनों पार्टियों के बीच समझौते को अंतिम रूप दिया जा चुका है।पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 24 सीटों पर चुनाव लड़ेगी रालोदजयंत चौधरी के एक करीबी नेता ने बताया कि रालोद पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 24 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। जिनमें गौतम बुद्ध नगर, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर और बागपत शामिल हैं। इसके अतिरिक्त समाजवादी पार्टी के 8 नेता रालोद के चुनाव चिह्न के साथ मैदान पर उतरेंगे। इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि पार्टी 12 जनवरी से लेकर 12 फरवरी तक 'गांव-गली दस्तक' कार्यक्रम चलाएगी। जिसे पूर्व रालोद प्रमुख अजीत सिंह की जयंती का प्रतीक माना जाता है।सरकार बनने पर क्या होगी जयंत चौधरी की भूमिका ?विधानसभा चुनाव में अगर समाजवादी पार्टी और रालोद गठबंधन को जीत मिलती है तो सरकार में जयंत चौधरी की कोई भूमिका नहीं होगी। एक सूत्र ने बताया कि जयंत चौधरी ने इसके बदले में राज्यसभा की एक सीट चाहते हैं।Cemented our ties for the development of Uttar Pradesh! pic.twitter.com/SXGFNpADa6
— Jayant Singh (@jayantrld) January 6, 2022
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गौरतलब है कि रालोद ने साल 2002 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के साथ गठबंधन करके 14 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इसके बाद साल 2007 में पार्टी ने अपने दम पर चुनाव लड़ा और 10 सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब हुई। इस दौरान उनके वोट प्रतिशत में भी इजाफा हुआ था और फिर साल 2012 के चुनावों में रालोद ने कांग्रेस से हाथ मिलाने का निर्णय लिया था। ऐसे में उन्हें 9 सीटों पर ही जीत मिल पाई। जबकि साल 2017 में चल रही मोदी लहर में रालोद ने अकेले चुनाव लड़ने का मन बनाया था और पार्टी को महज एक सीट से ही संतोष करना पड़ा था।
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