Political Party: जिससे सीखी राजनीति उसी से कर दी बगावत, जानिए कैसे हुआ अजित पवार गुट की NCP का गठन

Ajit Pawar
ANI

साल 1978 में जिस तरह से शरद पवार ने बसंत दादा पाटिल को धोखा दिया, ठीक उसी अंदाज में शरद पवार के भतीजे और उनके राजनीतिक उत्तराधिकारी समझे जाते रहे, अजित पवार ने चकमा दे दिया।

पिछले कुछ सालों से महाराष्ट्र की राजनीति में काफी कुछ देखने को मिला है। साल 2022 में बाला साहेब ठाकरे द्वारा बनाई गई पार्टी शिवसेना दो हिस्सों में बंट गई। ऐसे में अब भारतीय राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले शरद पवार की पार्टी टूटकर बिखर चुकी है। शरद पवार की पार्टी में अपने चाचा का साथ देने के लिए अजित पवार भी एनसीपी में शामिल हुए थे। अजित पवार ने अपने राजनीतिक कौशल के जरिए महाराष्ट्र में एनसीपी को मजबूत बनाने का काम किया।

लेकिन फिर ऐसा क्या हो गया कि चाचा शरद पवार का साथ छोड़कर भतीजे अजित पवार ने उन्हीं से बगावत कर ली। हालांकि चाचा से बगावत करने के पीछे कई वजहें हैं। अक्सर यह कहा जाता है कि इतिहास खुद को दोहराता है, यह कहावत हमने कई बार सुनी है। लेकिन यह कहावत महाराष्ट्र की राजनीति पर बिलकुल सटीक बैठती है। साल 1978 में जिस तरह से शरद पवार ने बसंत दादा पाटिल को धोखा दिया, ठीक उसी अंदाज में शरद पवार के भतीजे और उनके राजनीतिक उत्तराधिकारी समझे जाते रहे, अजित पवार ने चकमा दे दिया।

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दरअसल, माना जाता है कि राज्य के सबसे ताकतवर राजनीतिक परिवार में यह पूरी लड़ाई शरद पवार के राजनीतिक उत्‍तराधिकारी को लेकर हुई। शरद पवार की बढ़ती उम्र के साथ उनकी बेटी सुप्रिया सुले और अजित पवार के बीच NCP के उत्तराधिकारी को लेकर काफी दिनों से शह-मात का खेल चल रहा था। जोकि अब पूरी तरह से खुलकर सामने आ चुका है। 

चाचा से बगावत के बाद 1 जुलाई 2023 को अजित पवार ने एनसीपी पर अपना अधिकार जमा लिया। चाचा से बगावत के बाद अजित पवार ने देवेंद्र फडणवीस का हाथ थाम लिया था। वहीं 23 फरवरी को चुनाव आयोग ने NCP के अजित पवार गुट को असली एनसीपी का दर्जा दिया और घड़ी निशान सौंपा। NCP अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट ने राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा-शिवसेना का दामन थाम लिया।

मंत्री पद का है लंबा अनुभव 

महाराष्ट्र सरकार में रहते हुए अजित पवार ने कई अहम मंत्री पद संभाले हैं। अजित पवार ने राज्य सरकार में ऊर्जा, कृषि और योजना राज्य मंत्री पद के रूप में काम किया है। इसके अलावा उन्होंने सुधाकर नाइक सरकार में कृषि और बिजली राज्य मंत्री के रूप में काम किया। 


दो बार बने उपमुख्यमंत्री 

साल 2019 के बाद अजित पवार की राजनीतिक बेहद दिलचस्प रही। साल 2019 में उन्होंने 2 अलग-अलग मुख्यमंत्री के अधीन डिप्टी सीएम पद की शपथ ली। अब साल 2023 में अजित पवार ने एक बार फिर महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम बने हैं। कुल मिलाकर कहा जाए, तो अब तक वह 5 बार डिप्टी सीएम बन चुके हैं।

पहली बार साल 2010 में अजित पवार उप-मुख्यमंत्री बने फिर साल 2010 में वह दूसरी बार डिप्टी सीएम बने थे।

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