सुरक्षा एजेंसियां को मिले कई इनपुट, अलर्ट पर सुरक्षाकर्मी, गणतंत्र दिवस पर बिजली ठप होने का मंडरा रहा खतरा !

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बार गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली की बिजली सप्लाई को रोके जाने के भी इनपुट मिले हैं। खुफिया सूत्रों ने बताया कि टेरर ग्रुप्स ने राजधानी में बिजली की सप्लाई करने वाली कंपनियों के इंटरनल सिस्टम के साथ-साथ बाहर से आने वाली बिजली को भी प्रभावित करने की योजना बनाई है।

नयी दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी के बीच हिन्दुस्तान अपना 72वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है। जिसको लेकर सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम किए गए हैं। पुलिस गश्त बढ़ाने के साथ ही सत्यापन अभियान को और तेज कर दिया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दिल्ली पुलिस से लेकर तमाम खुफिया एजेंसियां के सामने चुनौती है कि इस बार टेरर अटैक के साथ-साथ अन्य तरह के हमलों से भी राजधानी को सुरक्षित रखना है।  

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बार गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली की बिजली सप्लाई को रोके जाने के भी इनपुट मिले हैं। खुफिया सूत्रों ने बताया कि टेरर ग्रुप्स ने राजधानी में बिजली की सप्लाई करने वाली कंपनियों के इंटरनल सिस्टम के साथ-साथ बाहर से आने वाली बिजली को भी प्रभावित करने की योजना बनाई है। जानकारी मिली है कि खालिस्तानी टेरर ग्रुप ने पहले भी इंडिया गेट पर खालिस्तानी झंडे दिखाने के लिए इनाम की घोषणा की थी और अब उन्होंने गणतंत्र दिवस समारोह में काले झंडे दिखाने की योजना बना रहे हैं। खिलास्तानी टेरर ग्रुप की योजना के बारे में जैसे ही खुफिया एजेंसियों को भनक लगी उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद कर दिया है।

किसानों को भी बदनाम करने का हो रहा प्रयास !

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, टेरर ग्रुप्स ने 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली में भी काले झंडे दिखाने की योजना बनाई है। दरअसल, टेरर ग्रुप्स काले झंडे दिखाकर किसानों को बदनाम करना चाहते हैं। वहीं, शुक्रवार को किसान नेताओं ने सिंघू बॉर्डर पर एक व्यक्ति को पुलिस के हवाले किया था। उस अनजान व्यक्ति ने दावा किया था कि उसकी टीम के सदस्यों को ट्रैक्टर रैली के दौरान कथित तौर पर पुलिसकर्मी बनकर भीड़ पर लाठीचार्ज करने को कहा गया। किसान नेता कुलवंत सिंह संधू ने आरोप लगाया कि कृषि कानूनों के खिलाफ जारी आंदोलन को बाधित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। 

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मिली जानकारी के मुताबिक दिल्ली पुलिस को अलर्ट पर रखा गया है और वह गणतंत्र दिवस के बाद तक अलर्ट पर ही रहेंगे। राजधानी में कुछ लोग राष्ट्रपति भवन, संसद भवन, प्रधानमंत्री आवास समेत कई महत्वपूर्ण इमारतों का घेराव कर सकते हैं। इसके अलावा खालिस्तानी टेरर ग्रुप्स, रोहिंग्या ग्रुप्स से जुड़ी हुई सूचना पहले ही सामने आ चुकी थी। इतना ही नहीं हमले के लिए अंजान महिला का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

किसान आंदोलन ने बढ़ाई चिंता

दिल्ली पुलिस समेत सुरक्षा एजेंसियों की चुनौतियां दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलनों ने बढ़ा दी है। जहां उन्हें राजधानी की सुरक्षा करना है वहीं, इस बात का भी खास ख्याल रखना होगा कि कोई आपराधिक प्रवृत्ति का व्यक्ति किसान आंदोलन को उकसाए ना। किसानों ने भी गणतंत्र दिवस के मौके पर ट्रैक्टर मार्च निकालने की योजना बनाई है। इसके लिए किसानों और पुलिस के आला अधिकारियों के बीच वार्ता भी हुई लेकिन किसान रिंग रोड पर ट्रैक्टर रैली निकालने के लिए अड़े हुए हैं। 

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हाल ही में दिल्ली पुलिस ने आतंक और अपराध के खिलाफ लड़ाई में देशवासियों की मदद मांगी थी। दिल्ली पुलिस ने ट्वीट किया था कि गणतंत्र दिवस समारोह-2021, अपराध और आतंकवाद से हमारी लड़ाई में आप बन सकते हैं हमारे आंख और कान। कोई भी संदिग्ध वस्तु दिखाई देने पर 1090 पर कॉल करें। आपकी पहचान गुप्त रखी जाएगी।  

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