अगले महीने खत्म हो जाएगा राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर का प्रतिनिधित्व, जानें आगे क्या होगा?
वर्तमान में जम्मू कश्मीर में विधानसभा का गठन नहीं होने के कारण उच्च सदन के लिए फिलहाल चुनाव संभव नहीं है। अभी इस बात की भी उम्मीद नहीं है कि आने वाले 6-7 महीनों में जम्मू-कश्मीर में चुनाव हो पाएंगे क्योंकि अभी राज्य विधानसभा के लिए परिसीमन का कार्य चल रहा है।
जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के हटने के बाद वहां की राजनीतिक स्थिति में कई बदलाव देखने को मिले है। इतना ही नहीं, जम्मू कश्मीर को 2 केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया गया। फिलहाल जम्मू कश्मीर और लद्दाख अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश है। जहां उपराज्यपाल प्रशासनिक मुखिया के तौर में काम कर रहे हैं। जम्मू कश्मीर में कई महीने तक राजनीतिक गतिविधियां ठप रही थी। वहां फिलहाल कोई सरकार नहीं है और केंद्र शासित प्रदेश के तौर पर वहां उपराज्यपाल काम कर रहे हैं। ऐसे में राज्यसभा में जल्द ही जम्मू-कश्मीर का प्रतिनिधित्व खत्म होने जा रहा है। दरअसल, जम्मू कश्मीर से फिलहाल राज्यसभा के 4 सदस्य हैं। इन चारों सदस्यों की सदस्यता अगले महीने खत्म होने वाली है।
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वर्तमान में जम्मू कश्मीर में विधानसभा का गठन नहीं होने के कारण उच्च सदन के लिए फिलहाल चुनाव संभव नहीं है। अभी इस बात की भी उम्मीद नहीं है कि आने वाले 6-7 महीनों में जम्मू-कश्मीर में चुनाव हो पाएंगे क्योंकि अभी राज्य विधानसभा के लिए परिसीमन का कार्य चल रहा है। ऐसे में तत्काल विधानसभा चुनाव को संपन्न करा पाना संभव नहीं है। ऐसे में इस बात की उम्मीद की जा सकती है कि लंबे समय तक जम्मू कश्मीर से आने वाले 4 राज्य सभा के सीट खाली रह सकते हैं। 2015 में जम्मू कश्मीर से 4 राज्यसभा के सदस्य चुने गए थे। तब राज्य में भाजपा और पीडीपी गठबंधन की सरकार थी। भाजपा और पीडीपी 4 में से 3 सीट जीतने में कामयाब रहे थे। पीडीपी के खाते में 2 सीटें गई थी जबकि भाजपा 1 सीट पर काबिज हुई थी।
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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद भी जम्मू-कश्मीर से ही राज्यसभा में चुनकर आए हैं। ऐसे में अगले महीने उनकी भी सदस्यता खत्म होने वाली है। पीडीपी से फैयाज अहमद मीर और नजीर अहमद लावे राज्यसभा पहुंचे थे। बाद में लावे को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया। भाजपा कोटे से शमशेर सिंह मन्हास राज्यसभा पहुंचे थे। गुलाम नबी आजाद कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस तथा निर्दलीय विधायकों के समर्थन के बाद ही राज्यसभा चुनाव जीतने में कामयाब हुए थे। अब राज्यसभा के जम्मू कश्मीर से सीटे तभी भर पाएंगी जब जम्मू-कश्मीर में विधानसभा का गठन कर लिया जाएगा। हालांकि विशेषज्ञ यह बता रहे हैं कि इसमें अभी और भी समय लग सकता है।
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