अमित शाह से मुलाकात के बाद भाजपा-जजपा गठबंधन में सुलह, हरियाणा सरकार को खतरा नहीं
तीन कृषि कानूनों को लेकर राजधानी दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर जारी किसानों के प्रदर्शनों के बीच मंगलवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार को कोई खतरा नहीं है और यह सरकार पांच साल का अपना कार्यकाल पूरा करेगी।
नयी दिल्ली। तीन कृषि कानूनों को लेकर राजधानी दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर जारी किसानों के प्रदर्शनों के बीच मंगलवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार को कोई खतरा नहीं है और यह सरकार पांच साल का अपना कार्यकाल पूरा करेगी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से एक घंटे तक लंबी बैठक के बाद खट्टर और चौटाला ने कहा कि उन्होंने राज्य में मौजूदा कानून-व्यवस्था की स्थिति के बारे में बातचीत की।
इसे भी पढ़ें: जहरीली शराब से 12 लोगों की मौत दुःखद- विष्णुदत्त शर्मा
चौटाला ने पीटीआई-को बताया, ‘‘ हरियाणा सरकार को कोई खतरा नहीं है और वह पांच साल का अपना कार्यकाल पूरा करेगी।’’ वहीं खट्टर ने कहा, ‘‘ सरकार के भविष्य को लेकर अनुमान लगाने का कोई औचित्य नहीं है, यह अपना कार्यकाल पूरा करेगी।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा किसान प्रदर्शनों का केंद्र है इसलिए उन्होंने गृह मंत्री के साथ राज्य में कानून-व्यवस्था को लेकर बातचीत की। उन्होंने कहा, ‘‘हमने बिना किसी परेशानी के 26 जनवरी के उत्सव के आयोजन पर भी चर्चा की।’’ खट्टर ने कहा कि कृषि कानूनों के अमल पर रोक लगाने के उच्चतम न्यायालय के निर्णय के बाद उन्हें उम्मीद है कि किसान अपना विरोध प्रदर्शन खत्म करेंगे।
इसे भी पढ़ें: UNSC में बोले एस जयशंकर, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में दोहरे रवैये का नहीं करना चाहिए समर्थन
उन्होंने कहा, ‘‘ यह एक राष्ट्रीय त्योहार है और सभी इसके महत्व और इससे जुड़े मूल्यों को समझते हैं।’’ चौटाला ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने एक समिति गठित की है और उन्हें उम्मीद है कि यह मुद्दा जल्द ही सुलझ जाएगा। खट्टर और चौटाला के साथ भाजपा और जननायक जनता पार्टी (जजपा) के प्रदेश अध्यक्ष तथा प्रदेश मंत्रिमंडल के सदस्य भी यहां नॉर्थ ब्लॉक में हुई मुलाकात के दौरान मौजूद थे। बैठक से पहले शाह और दुष्यंत ने जेजेपी के विधायकों से यहां एक फार्म हाउस में मुलाकात की, जिनमें से विधायकों के एक वर्ग का कहना था कि अगर ये कानून वापस नहीं लिए जाते हैं तो सत्तारूढ़ गठबंधन को बड़ा नुकसान पहुंचेगा। ऐसा समझा जाता है कि दुष्यंत चौटाला के नेतृत्व वाली जननायक जनता पार्टी के कुछ विधायक प्रदर्शनकारी किसानों के दबाव में हैं।
अन्य न्यूज़