उत्तराखंड की रावत कथा: एक रावत गए, दूसरे रावत लाए गए, अब तीसरे रावत की बारी !
उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर अटकलें उसी दिन लगने लगी थीं जब रावत को केंद्रीय नेतृत्व ने दिल्ली तलब किया था और सभी निर्धारित कार्यक्रमों को छोड़कर वह बुधवार को दिल्ली पहुंचे।
उत्तराखंड में अचानक राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। कुछ महीने पहले नए मुख्यमंत्री के तौर पर जिम्मेदारी संभालने वाले तीरथ सिंह रावत ने अचानक इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफे की वजह क्या है इसका आकलन अलग-अलग तरह से किया जा रहा है। परंतु यह बात तो सच है कि कुंभ के आयोजन से ठीक पहले तीरथ सिंह रावत की ताजपोशी हुई थी। अब चार धाम यात्रा को लेकर जारी गहमागहमी के बीच उनका इस्तीफा भी हो गया है। भाजपा आलाकमान के साथ लगातार हुई बैठकों के बाद तीरथ सिंह रावत ने इस्तीफे की पेशकश की थी। उत्तराखंड लौटने के बाद उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपने काम को गिनाया उसके बाद राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया। इस्तीफा देने के बाद मुख्यमंत्री रावत ने संवाददाताओं को बताया कि उनके इस्तीफा देने का मुख्य कारण संवैधानिक संकट था, जिसमें निर्वाचन आयोग के लिए चुनाव कराना मुश्किल था। रावत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित अपने केंद्रीय नेतृत्व का आभार व्यक्त किया और कहा कि उन्होंने उन्हें उच्च पदों पर सेवा करने का मौका दिया।
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उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर अटकलें उसी दिन लगने लगी थीं जब रावत को केंद्रीय नेतृत्व ने दिल्ली तलब किया था और सभी निर्धारित कार्यक्रमों को छोड़कर वह बुधवार को दिल्ली पहुंचे। अपने तीन दिन के दिल्ली दौरे पर उन्होंने बृहस्पतिवार रात केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा से मंत्रणा की थी। तीरथ सिंह रावत को त्रिवेंद्र सिंह रावत की जगह मुख्यमंत्री बनाया गया था। 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली जीत के बाद त्रिवेंद्र सिंह रावत को मुख्यमंत्री की कमान सौंपी गई थी। त्रिवेंद्र सिंह रावत संघ के करीबी होने के साथ-साथ आलाकमान के भी करीबी थे। परंतु उनके कार्य शैली को लेकर विधायक काफी नाराज थे और ऐसे में पार्टी की नाराजगी को देखते हुए आलाकमान को उन्हें बदलना पड़ा। त्रिवेंद्र सिंह रावत पर भ्रष्टाचार के भी आरोप लगे। इसके साथ-साथ पार्टी के ही कुछ विधायकों ने अफसरशाही को बढ़ाने का भी आरोप लगाया।
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अब जब तीरथ सिंह रावत का इस्तीफा हो गया है तो सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर उत्तराखंड का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? मुख्यमंत्री की रेस में सबसे आगे कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत और सतपाल महाराज चल रहे हैं। आखरी फैसला विधायक दल की बैठक में होगा। आज देहरादून में विधायक दल की बैठक होगी पर्यवेक्षक के तौर पर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को भेजा जा रहा है। माना जा रहा है कि धन सिंह रावत के नाम पर सहमति बन सकती है। इसके अलावा अनिल बलूनी और रमेश पोखरियाल निशंक का भी नाम रेस में है।
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