Ratan Tata Death| जब रतन टाटा ने 2008 में ताज होटल पर हमले के दौरान दिखाया था जबरदस्त दृढ़ संकल्प

ratan tata
ANI Image
रितिका कमठान । Oct 10 2024 10:02AM

दो दशक से ज़्यादा समय तक नमक से लेकर सॉफ़्टवेयर बनाने वाली कंपनी के चेयरमैन रहे रतन टाटा का निधन बुधवार रात 11.30 बजे हुआ। वो कुछ दिनों से उम्र के कारण होने वाली परेशानियों के कारण अस्पताल में थे। पद्म विभूषण से सम्मानित टाटा सोमवार से ही अस्पताल में गहन चिकित्सा कक्ष में भर्ती थे।

पूरा देश इस समय दिग्गज उद्योगपति और टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा के निधन का शोक मना रहा है। रतन टाटा का बुधवार शाम मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया। उनकी उम्र 86 वर्ष थी। दो दशक से ज़्यादा समय तक नमक से लेकर सॉफ़्टवेयर बनाने वाली कंपनी के चेयरमैन रहे रतन टाटा का निधन बुधवार रात 11.30 बजे हुआ। वो कुछ दिनों से उम्र के कारण होने वाली परेशानियों के कारण अस्पताल में थे। पद्म विभूषण से सम्मानित टाटा सोमवार से ही अस्पताल में गहन चिकित्सा कक्ष में भर्ती थे।

वर्ष 1962 में कॉर्नेल विश्वविद्यालय, इथाका, न्यूयॉर्क से वास्तुकला में बी.एस. की डिग्री प्राप्त करने के बाद टाटा पारिवारिक फर्म में शामिल हुए थे। एक दशक की निरंतर मेहनत करने के बाद वे टाटा इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष बने। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और 1991 में अपने चाचा जेआरडी टाटा से टाटा समूह के अध्यक्ष का पद संभाला, जो आधी सदी से भी अधिक समय से इस पद पर थे। 

जब भारतीय अर्थव्यवस्था की शुरुआत हो रही थी  उसी दौरान टाटा समूह की भी वर्ष 1868 में एक छोटी कपड़ा और व्यापारिक फर्म के रुप में शुरुआत हुई थी। समय बीतने के साथ टाटा समूह एक वैश्विक महाशक्ति में तब्दील हुआ था। इसका परिचालन नमक से लेकर इस्पात, कार से लेकर सॉफ्टवेयर, बिजली संयंत्र से लेकर एयरलाइन्स तक फैला हुआ था।

 भारतीय अर्थव्यवस्था के खुलने के साथ ही टाटा समूह, जो 1868 में एक छोटी कपड़ा और व्यापारिक फर्म के रूप में शुरू हुआ था, को एक वैश्विक महाशक्ति में बदल दिया, जिसका परिचालन नमक से लेकर इस्पात, कार से लेकर सॉफ्टवेयर, बिजली संयंत्र से लेकर एयरलाइन्स तक फैला हुआ था।

वर्ष 2008 में हुआ था ऐसा
टाटा के लिए वर्ष 2008 काफी मुश्किल था। दरअसल 2008 में 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों ने समुद्र के रास्ते दक्षिण मुंबई में घुसपैठ की और ताज होटल और छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस सहित शहर के कई प्रमुख स्थानों पर हमले किए थे। पाकिस्तानी आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) द्वारा किये गए अंधाधुंध हमले में 166 लोगों की जान चली गई और 300 से अधिक लोग घायल हो गए।

हमले के दौरान, रतन टाटा 70 वर्ष के थे। उन्होंने तभी ये दृढ़ संकल्प दिखाया था। उन्हें प्रतिष्ठित ताज होटल के कोलाबा छोर पर खड़े देखा गया और सुरक्षा बलों ने ताज होटल में आतंकवादियों के खिलाफ अभियान चलाया। हमले में मारे गए 166 लोगों में से 33 लोग टाटा समूह के प्रतिष्ठित ताज होटल पर 60 घंटे तक चले हमले में मारे गए थे। इनमें 11 होटल कर्मचारी भी शामिल हैं। हमले के बाद, रतन टाटा ने ताज होटल को पुनः खोलने का वचन दिया। उन्होंने हमले में मारे गए या घायल हुए लोगों के परिवारों की देखभाल करने का भी वचन दिया।

बीबीसी के अनुसार, उन्होंने मारे गए लोगों के रिश्तेदारों को उतना वेतन दिया, जितना वे जीवन भर कमा सकते थे। कुछ ही महीनों के भीतर, टाटा समूह ने आपदाओं के दौरान मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए ताज पब्लिक सर्विस वेलफेयर ट्रस्ट (TPSWT) का गठन किया। डेक्कन हेराल्ड के अनुसार, रतन टाटा ने खुद पीड़ितों के घर जाकर यह सुनिश्चित किया कि उनकी देखभाल की जा रही है।

इसे बताया था ‘अनियंत्रित विनाश’
वर्ष 2020 में रतन टाटा ने 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों को याद किया था। उन्होंने कहा था कि कुछ सालों पहले हुए विनाशकारी विनाश को कभी नहीं भुलाया जा सकेगा। इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट में उद्योगपति ने उस दिन सभी मतभेदों को भुलाकर एक साथ आने के लिए मुंबई के लोगों की प्रशंसा की। उन्होंने लिखा, "आज से 12 साल पहले जो विध्वंस हुआ, उसे कभी नहीं भुलाया जा सकेगा। लेकिन उससे भी ज़्यादा यादगार बात यह है कि मुंबई के विविध लोगों ने एक साथ मिलकर, सभी मतभेदों को भुलाकर, उस दिन आतंकवाद और विध्वंस को परास्त किया। आज, हम निश्चित रूप से उन लोगों के लिए शोक मना सकते हैं, जिन्हें हमने खो दिया और उन बहादुरों के बलिदान का सम्मान कर सकते हैं, जिन्होंने दुश्मन पर विजय पाने में मदद की, लेकिन हमें जिस चीज़ की सराहना करनी चाहिए, वह है एकता और दयालुता और संवेदनशीलता के कार्य, जिन्हें हमें संजोना चाहिए और उम्मीद है कि आने वाले सालों में भी ये चमकते रहेंगे।"

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़