सरपंच से राजनीतिक सफर शुरू करने वालीं Raksha Khadse मोदी सरकार में बनीं कैबिनेट मंत्री

Raksha Khadse
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Anoop Prajapati । Jun 22 2024 4:01PM

रक्षा खडसे ने मोदी कैबिनेट में मंत्री पद की शपथ ली है। उन्हें युवा और खेल मंत्रालय में राज्यमंत्री का प्रभार दिया गया है। रक्षा खडसे शरद पवार गुट के एनसीपी नेता एकनाथ खडसे की बहू हैं। रावेर से दो बार की भाजपा सांसद ने 3 लाख वोटों के भारी अंतर से जीत दर्ज की है।

महाराष्ट्र से आने वाली रक्षा खडसे ने मोदी कैबिनेट में मंत्री पद की शपथ ली है। उन्हें युवा और खेल मंत्रालय में राज्यमंत्री का प्रभार दिया गया है। रक्षा खडसे शरद पवार गुट के एनसीपी नेता एकनाथ खडसे की बहू हैं, जिन्होंने भाजपा में वापस जाने का फैसला किया था। महाराष्ट्र के रावेर से दो बार की भाजपा सांसद ने अब तीसरी बार यानी 2024 का लोकसभा चुनाव लगभग 3 लाख वोटों के भारी अंतर से जीता है। रक्षा को उनकी व्यक्तिगत ताकत और सौम्य व्यवहार के लिए जाना जाता है। रक्षा के पति निखिल खडसे ने साल 2013 में खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी।

रक्षा खडसे का जन्‍म 13 मई 1987 को मध्‍य प्रदेश के खेटिया में हुआ और उनकी शादी महाराष्‍ट्र के दिग्गज नेता एकनाथ खडसे के बेटे निखिल खडसे से हुई। उनकी राजनीतिक जिम्मेदारियों के साथ अपने निजी जीवन को संतुलित करने की उनकी क्षमता भी देखी जा सकती है। रक्षा खडसे के पिता का नाम जगदीश मोहन पटेल और मां का नाम अनीता पटेल है। रक्षा खडसे ने कंप्यूटर साइंस में बीएससी की पढ़ाई की है। उन्होंने पढ़ाई नासिक, आणंद और जलगांव से पूरी की है। रक्षा खडसे पिछले बार के टर्म में लोकसभा की कई समितियों में सदस्य के तौर काम चुकी हैं। रक्षा खडसे की गिनती काफी सक्रिय सांसदों में होती आई है। वह तमाम माध्यमों से समाज सेवा में भी सक्रिय हैं। 

रक्षा महाराष्ट्र के दिग्गज नेता एकनाथ खडसे की बहू हैं। रक्षा खडसे की राजनीति में एंट्री गहरे वैयक्तिक सदमे के बाद हुई जब उनके पति निखिल खडसे ने साल 2013 में खुद को गोली मार कर आत्महत्या की थी। निखिल खडसे की आत्महत्या का कारण 2011 में विधान परिषद चुनावों में हुई हार को बताया जाता है। उस बार के चुनाव में एनसीपी के मनीष जैन ने एकनाथ खडसे के बेटे निखिल को हराया था। पति की मौत के बाद रक्षा चुनावी मैदान में उतरीं। रक्षा खडसे के ससुर एकनाथ खडसे ने देवेंद्र फडणवीस से मतभेद के बाद बीजेपी छोड़ दी थी लेकिन रक्षा खडसे बीजेपी में बनी रही थीं। यही वजह है कि बीजेपी ने उन पर पहले 2019 और फिर 2024 रिपीट किया। 

खडसे परिवार के साथ छोड़ने पर रक्षा खडसे ने साफ कहा कि वह बीजेपी को नहीं छोड़ेंगी। 2024 लोकसभा चुनावों के बीच में एकनाथ खडसे के बीजेपी में लौटने की अटकलें लगी थीं, हालांकि वे बीजेपी में नहीं गए। रक्षा खडसे की ननद और दूसरे परिवारीजन शरद पवार की अगुवाई वाली एनसीपी के नेता हैं। इनमें रोशनी खडसे का नाम प्रमुख है। वे एनसीपी (शरद पवार) की महाराष्ट्र प्रदेश महिला मोर्चा की अध्यक्ष हैं। 2024 के चुनावों में उन्होंने जीती की हैट्रिक लगाई है। उनकी जीत महाराष्ट्र में काफी अहम मानी गई है। क्योंकि राज्य में इस बार बीजेपी को सिर्फ 9 सीटें मिली हैं। 

मध्य प्रदेश के खेतिया में जन्मी रक्षा खडसे सबसे पहले कोठाडी गांव की सरपंच चुनी गईं। इसके बाद बाद में वह जलगांव जिला परिषद के लिए चुनी गईं। रक्षा खडसे महिला सशक्तीकरण, बाल शिक्षा और किसानों के कल्याण को लेकर काम करती रहती हैं। खडसे की राजनीतिक प्राथमिकताओं में जलगांव क्षेत्र में पानी की कमी को दूर करना और सड़क संपर्क में सुधार करना शामिल है, जिसे वह बुनियादी ढांचे और शिक्षा के लिए आवश्यक मानती हैं। वह रावेर में एक सिंचाई संयंत्र के लिए आंशिक धनराशि प्राप्त करने में भी कामयाब रही है। तीन बार भाजपा सांसद रहीं रक्षा खडसे का नरेंद्र मोदी के केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होना उनकी मेहनत और ईमानदारी को लेकर मिला एक बड़ा पुरस्कार है।

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