जेटली की टिप्पणी पर बिफरा विपक्ष, राज्यसभा तीन बार स्थगित

Rajya Sabha adjourned thrice over Arun Jaitleys remarks on adjournment notices
[email protected] । Jul 26 2017 4:13PM

राज्यसभा में आज सदन के नेता अरुण जेटली की एक टिप्पणी को लेकर विपक्षी सदस्य बिफर पड़े और उन्होंने उस टिप्पणी को कार्यवाही से हटाए जाने की मांग करते हुए हंगामा किया।

राज्यसभा में आज सदन के नेता अरुण जेटली की एक टिप्पणी को लेकर विपक्षी सदस्य बिफर पड़े और उन्होंने उस टिप्पणी को कार्यवाही से हटाए जाने की मांग करते हुए हंगामा किया जिसकी वजह से बैठक भोजनावकाश के पहले तीन बार स्थगित की गई। सदन की बैठक शुरू होने के बाद विभिन्न विपक्षी सदस्यों द्वारा बार-बार व्यवस्था का प्रश्न उठाने एवं अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा के लिए नियम 267 के तहत कामकाज निलंबित करने संबंधी नोटिस दिए जाने को लेकर सदन के नेता अरुण जेटली ने कहा कि सदस्य लोकप्रियता के लिए स्थगन प्रस्तावों का दुरूपयोग कर रहे हैं।

विपक्षी सदस्यों ने जेटली की इस टिप्पणी को कार्यवाही से निकालने की मांग की। दोनों पक्षों में नोंकझोंक, उप सभापति पीजे कुरियन द्वारा कांग्रेस के आनंद शर्मा को नियम 267 के तहत अपना मुद्दा उठाने की अनुमति देने के बाद ही शुरू हो गई। शर्मा ने कहा कि राजग सरकार महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और यहां तक कि इंदिरा गांधी तक को छोटा दिखाने की लगातार कोशिश कर रही है। कुरियन ने शर्मा की बात सुनने के बाद उनका नोटिस खारिज कर दिया। तब जेटली ने कहा, ‘‘हर मामले में हम देखते हैं कि ये मुद्दे ऐसे नहीं हैं जिन्हें नियम 267 के तहत उठाया जाए। लेकिन यह हो रहा है।’’

उन्होंने कहा कि परंपरा का लगातार उल्लंघन किया जा रहा है और आसन को उस सिद्धांत से निर्देशित होना चाहिए कि आप शून्यकाल को टीवी कैमरों के लाभ के लिए नहीं ले सकते। यह लगभग हर दिन हो रहा है। वित्त मंत्री ने कहा कि कुछ अन्य सदस्यों ने शून्यकाल में अपने मुद्दे उठाने के लिए नोटिस दिए हैं और आसन को उनके अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए।

साथ ही जेटली ने सुझाव दिया कि शर्मा ने जो कुछ भी कहा है उसे कार्यवाही से निकाल दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर कोई सदस्य समझौता ट्रेन विस्फोट मामले से जुड़ा मुद्दा उठाना चाहता है तो उसे उठाने देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सदन में उन लोगों का संदर्भ नहीं दिया जा सकता जो लोग उच्च संवैधानिक पदों पर रहे हैं। शर्मा ने कहा कि उन्होंने ऐसा कोई संदर्भ नहीं दिया है। इस पर जेटली ने कहा ‘‘आप जो कुछ कह रहे हैं, उसकी भावना हम समझते हैं।’’ कुरियन ने कहा कि वह रिकार्ड देखेंगे और अगर ऐसा कोई संदर्भ हुआ तो उसे वह कार्यवाही से हटा देंगे।

विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि शर्मा ने ऐसा कोई संदर्भ नहीं दिया। उन्होंने कहा कि सरकार गांधी और नेहरू जैसे, देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ने वाले नेताओं का अपमान करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘उन लोगों की शताब्दियां मनाई जा रही हैं जिन लोगों का स्वतंत्रता संग्राम से कोई लेना देना नहीं था। वह चयनित आधार पर काम कर रहे हैं।’’ कुरियन ने कहा कि नियम 267 के तहत मिले सभी नोटिस खारिज किए जाते हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि आसन को यह फैसला करना होता है कि सदस्य की बात सुनी जाए या नहीं। सदस्य की बात सुन कर ही आसन यह फैसला कर सकता है कि नोटिस को स्वीकार किया जाना चाहिए या नहीं। उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोई सदस्य व्यवस्था का प्रश्न उठाता है तो आसन को उसकी बात सुननी ही पड़ती है। इसके बाद उसे स्वीकार करना या खारिज करना आसन पर निर्भर करता है।

द्रमुक के तिरुचि शिवा ने कहा कि सदन के नेता ने अपना पक्ष रखा है लेकिन उनका यह कहना सही नहीं है कि सदस्य टीवी पर आने के लिए अपने मुद्दे उठाते हैं। इसी बीच जेटली की टिप्पणी के विरोध में कांग्रेस सदस्य आसन के समक्ष आ कर सरकार के खिलाफ नारे लगाने लगे। कुरियन ने सदस्यों से अपने स्थानों पर लौट जाने की अपील की। लेकिन इसका असर नहीं होता देख उन्होंने 11 बज कर करीब 40 मिनट पर बैठक को दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।

दोपहर बारह बजे बैठक शुरू होने पर विपक्षी सदस्यों ने एक बार फिर से जेटली की टिप्पणी को कार्यवाही से हटाए जाने की मांग की। सभापति हामिद अंसारी ने नारे लगा रहे सदस्यों से शांत रहने की अपील की। लेकिन सदन में व्यवस्था बनते नहीं देख उन्होंने प्रश्नकाल में बैठक को दस मिनट के लिए स्थगित कर दिया। इसके बाद विभिन्न दलों के नेताओं ने सभापति के कक्ष में जा कर गतिरोध दूर करने के लिए चर्चा की। इस दौरान सदन की बैठक को फिर दस मिनट के लिए स्थगित किया गया। बाद में बैठक शुरू होने पर आजाद ने कहा कि वह सदन के नेता का सम्मान करते हैं जो आम तौर पर संतुलित भाषा में अपनी बात रखते हैं और उन्होंने कभी ऐसे शब्दों का उपयोग नहीं किया जिससे कोई आहत हो।

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन यह कहना स्वीकार्य नहीं है कि विपक्षी नेता टीवी चैनलों के लिए मुद्दे उठाते हैं। हम गरीबों के, दलितों के, शोषित तथा कमजोर वर्ग के लोगों के मुद्दे उठाते हैं, न कि टीवी के लिए मुद्दे उठाते हैं जो केवल सरकार को ही कवर करता है।’’ आनंद शर्मा ने कहा कि इस तरह के शब्द कार्यवाही का हिस्सा नहीं हो सकते। ‘‘पूरे विपक्ष पर निशाना साधा गया है। हम पूरे विपक्ष की इस तरह की निंदा नहीं होने देंगे।’’ अंसारी ने कहा कि वह रिकॉर्ड की जांच करेंगे लेकिन फिलहाल कोई निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता। उन्होंने कहा कि शून्यकाल में उपसभापति भी यह कह चुके हैं कि रिकार्ड पर गौर किया जाएगा। उन्होंने कहा ‘‘आसन को अपना काम करने दीजिये।’’ इसके बाद सदन में प्रश्नकाल सुचारू रूप से चला। इसके पहले शून्यकाल में भाजपा के सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि उन्हें समझौता ट्रेन विस्फोट मामले के संबंध में व्यवस्था का प्रश्न उठाने की अनुमित दी जानी चाहिए।

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