राहुल ने रिमोट कंट्रोल वाले अध्यक्ष की धारणा को खारिज किया, खरगे और थरूर की तारीफ की

Rahul Gandhi
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‘भारत जोड़ो यात्रा’ निकाल रहे राहुल गांधी ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि वह कॉरपोरेट के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि राजनीतिक संरक्षण से व्यवसाय के क्षेत्र में दो-तीन लोगों का एकाधिकार स्थापित करने का जो प्रयास हो रहा है, उसके विरूद्ध हैं।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को इस धारणा को सिरे से खारिज कर दिया कि पार्टी का नया अध्यक्ष गांधी परिवार के रिमोट कंट्रोल से चलेगा। साथ ही, उन्होंने दोनों उम्मीदवारों मल्लिकार्जुन खरगे और शशि थरूर की तारीफ करते हुए कहा कि इन नेताओं का अपना कद है और वे अच्छी समझ वाले व्यक्ति हैं तथा इन्हें रिमोट कंट्रोल से नहीं चलाया जा सकता। उन्होंने यह भी कहा कि दोनों नेताओं के बारे में रिमोट कंट्रोल की धारणा उनके प्रति अपमानजनक बात है।

‘भारत जोड़ो यात्रा’ निकाल रहे राहुल गांधी ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि वह कॉरपोरेट के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि राजनीतिक संरक्षण से व्यवसाय के क्षेत्र में दो-तीन लोगों का एकाधिकार स्थापित करने का जो प्रयास हो रहा है, उसके विरूद्ध हैं। उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी पर समाज को बांटने और देश में नफरत फैलाने का आरोप लगाया और कहा कि वह स्वभाव से तपस्या में विश्वास करते हैं और ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के माध्यम से लोगों से संपर्क करके उनके दर्द को साझा करना चाहते हैं।

राहुल गांधी ने यह भी स्पष्ट किया कि यात्रा 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए नहीं है, बल्कि कांग्रेस इसके माध्यम से भाजपा-आरएसएस द्वारा किए जा रहे देश के विभाजन के खिलाफ लोगों को एकजुट करना चाहती है। उन्होंने ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ (पीएफआई) के खिलाफ सरकार की कार्रवाई को लेकर कहा कि चाहे किसी समुदाय के लोग नफरत और हिंसा फैलाए वो राष्ट्रविरोधी कृत्य है तथा कांग्रेस इनके खिलाफ लड़ती रहेगी।

कांग्रेस नेता ने कर्नाटक में पार्टी के मुख्यमंत्री पद के चेहरे के बारे में पूछे जाने पर कहा कि राज्य में कांग्रेस के पास कई नेता हैं, लेकिन चुनाव के बाद पार्टी की स्थापित प्रक्रिया के तहत मुख्यमंत्री का फैसला होगा। राहुल गांधी ने अध्यक्ष के चुनाव के उम्मीदवार के बारे में पहली बार खुलकर अपनी बात रखते हुए इस धारणा को खारिज किया कि गांधी परिवार अगले कांग्रेस अध्यक्ष को रिमोट से नियंत्रित कर सकता है। इस बारे में पूछे जाने उन्होंने कहा, “दोनों लोग जो (चुनाव में) उतरे हैं, उनकी एक हैसियत है, एक दृष्टिकोण है और वे कद्दावर तथा अच्छी समझ रखने वाले व्यक्ति हैं।

मुझे नहीं लगता कि उनमें से कोई भी रिमोट कंट्रोल से चलने वाला (पार्टी प्रमुख) होगा। सच कहूं तो ये बातें उन्हें अपमानित करने वाली हैं।” राहुल गांधी ने राजस्थान में उद्योगपति गौतम अडाणी की ओर से निवेश की घोषणा किये जाने के एक दिन बाद कहा कि वह कॉरपोरेट के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि व्यवसाय जगत में राजनीतिक मदद से एकाधिकार स्थापित किये जाने के खिलाफ हैं।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘अडाणी ने राजस्थान के लिए करीब 60,000 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव दिया है। कोई मुख्यमंत्री इसके लिए मना नहीं कर सकता। मेरा विरोध एकाधिकार को लेकर है।’’ राहुल गांधी ने कहा कि राजस्थान सरकार ने अडाणी को ना तो कोई विशेष तवज्जो दी और ना ही अपनी राजनीतिक ताकत का इस्तेमाल कर उनके कारोबार में मदद की। उन्होंने कहा कि अगर पूरा तंत्र पक्षपात करके सिर्फ दो-तीन लोगों की मदद करने लगेगा, तो हिंदुस्तान का नुकसान है।

राहुल ने कहा कि अगर राजस्थान सरकार ने अडाणी को गलत तरीके से कारोबार दिया, तो वह इसके खिलाफ हैं। राहुल गांधी ने यह भी कहा कि अगर नियमों के मुताबिक कारोबार दिया गया है, तो कोई दिक्कत नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर राजस्थान सरकार ने अडाणी को गलत तरीके से कारोबार दिया, तो वह इसके खिलाफ खड़े हो जायेंगे। अडाणी शुक्रवार को राजस्थान निवेश सम्मेलन में शामिल हुए थे और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ मंच भी साझा किया था।

अडाणी ने इस सम्मेलन में कहा था कि अडाणी समूह राजस्थान में अगले पांच-सात साल में नवीकरणीय ऊर्जा समेत विभिन्न क्षेत्रों में 65,000 करोड़ रुपये निवेश करेगा। ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का उल्लेख करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि इस यात्रा में वह अकेले नहीं हैं, बल्कि लाखों लोग इसमें शामिल हैं, क्योंकि वे बेरोजगारी, महंगाई और असमानता से थक चुके हैं। राहुल गांधी ने भाजपा सरकार पर शिक्षा व्यवस्था पर आक्रमण करने का आरोप लगाया और कहा, “हम नयी शिक्षा नीति का विरोध कर रहे हैं, क्योंकि यह हमारे इतिहास, परंपराओं को विकृत कर रही है। हम एक विकेंद्रीकृत शिक्षा व्यवस्था चाहते हैं।”

उन्होंने यात्रा से जुड़े अपने अनुभव साझा करते हुए कहा, ‘‘पिछले 31 दिनों में मैंने बहुत कुछ सीखा है- जब आप लोगों के दर्द का अंश मात्र दर्द बर्दाश्त करते हैं, तब आप उनकी समस्या ज़्यादा समझते हैं। वह ज़्यादा खुल कर बात करते हैं और मैं ज़्यादा संवेदना से समझता हूं।’’ राहुल गांधी और अन्य यात्रियों ने यात्रा के 31वें दिन शनिवार को भी 20 किलोमीटर से अधिक पदयात्रा की तथा समाज के अलग-अलग वर्गों के लोगों से मुलाकात की।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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