Maharashtra Assembly Elections : दौंड सीट पर Rahul Kool लगाएंगे हैट्रिक या एनसीपी के रमेश थोराट रोकेंगे भाजपा का विजयरथ
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों के पहले चरण के लिए नामांकन पूरा हो चुका है। राज्य में 13 नवंबर को मतदान होगा और 23 नवंबर को चुनाव परिणाम आएंगे। पिछले 5 वर्षों की सियासी उठा पटक के मद्देनजर इस वर्ष का विधानसभा चुनाव काफी दिलचस्प होने वाला है। दौंड महाराष्ट्र की 199वीं विधानसभा सीट है।
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों के पहले चरण के लिए नामांकन पूरा हो चुका है। राज्य में 13 नवंबर को मतदान होगा और 23 नवंबर को चुनाव परिणाम आएंगे। पिछले 5 वर्षों की सियासी उठा पटक के मद्देनजर इस वर्ष का विधानसभा चुनाव काफी दिलचस्प होने वाला है। दौंड महाराष्ट्र की 199वीं विधानसभा सीट है। इस सीट पर भाजपा ने राहुल सुभाषराव कुल को उम्मीदवार घोषित किया है। वहीं उनके मुकाबले NCP शरद ने रमेश थोराट को चुनावी मैदान में उतारा है।
गौरतलब है कि राहुल सुभाषराव और रमेश थोराट का दूसरा चुनावी मुकाबला है। इससे पहले 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के राहुल सुभाषराव कुल ने एनसीपी के रमेश थोराट को कांटे की टक्कर में 746 वोटों के मार्जिन से हराया था। एक बार फिर से दोनों प्रत्याशियों का मुकाबला है। वहीं इस सीट के इतिहास की बात करें तो लगातार दूसरी बार राहुल सुभाषराव विधायक हैं, लेकिन भाजपा से पहली बार जीते हैं। वहीं 2009 के चुनाव में इस सीट से निर्दलीय के रूप में रमेश थोराट जीत चुके हैं।
जानिए क्षेत्र के जातीय समीकरण
इस विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र महाराष्ट्र राज्य के 288 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। यह एक सामान्य श्रेणी की विधानसभा सीट है। बारामती संसदीय सीट क्षेत्र में आती है। वहीं जातीय समीकरण की बात करें तो इस सीट पर अनुसूचित जाति के मतदाता लगभग 44,085 हैं, जो कुल मतदाताओं के 15.05% हैं। वहीं अनुसूचित जनजाति के मतदाता लगभग 7,440 हैं, जो कुल मतदाताओं के लगभग 2.54% हैं। इसके अलावा मुस्लिम मतदाता लगभग 15,818 हैं, जो कुल मतदाताओं के लगभग 5.4% हैं। दौंड़ में कुल मतदाताओं की संख्या 292926 है और 2019 के विधानसभा चुनाव में 73.8% मतदान हुआ था।
आखिर किसका पलड़ा रहेगा भारी
दौंड विधानसभा सीट के जातीय समीकरण को देखा जाए तो इस सीट पर दलित मतदाओं की संख्या करीब 17 प्रतिशत है, जो जीत में अहम भूमिका निभाने वाले हैं। बता दें कि बारामती संसदीय सीट से सप्रिया सुले सांसद हैं। ऐसे में इस बार भाजपा की राह मुश्किल लग रही है। पिछले चुनाव में हार जीत का अंतर भी मात्र 746 वोटों का है। ऐसे में संभव है कि अबकी बार रमेश थोराट इस जीत के अंतर को खत्म कर पाएंगे।
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