राहुल गांधी नहीं रहेंगे पार्टी अध्यक्ष, कांग्रेस की इस प्रेस रिलीज से हुआ साफ
कांग्रेस की ओर से जारी विज्ञप्ति में बताया जाता है कि इस उम्मीदवार के नाम को कांग्रेस अध्यक्ष ने मंजूरी दी है।
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में भाजपा से मिली करारी शिकस्त के बाद अब कांग्रेस में संकट का दौर चल रहा है। इसी बीच मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटोनी और केसी वेणुगोपाल को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव रखा गया था जिसको इन दोनों नेताओं ने निजी कारण बताते हुए ठुकरा दिया था। वहीं दूसरी तरफ राधाकृष्ण विखे पाटिल द्वारा पार्टी से इस्तीफा दिए जाने के बाद एआईसीसी ने वरिष्ठ नेता बालासाहेब थोरात को महाराष्ट्र विधानसभा में विधायक दल का नेता नियुक्त किया।
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इससे पहले कांग्रेस की किसी भी नियुक्तियों पर अगर गौर करें तो उसका निर्देश कांग्रेस अध्यक्ष देते आए हैं। जबकि महाराष्ट्र में जिनको विपक्ष का नेता नियुक्त किया गया है, उनकी नियुक्ति को एआईसीसी ने मंजूरी दी है। यहीं नहीं, कांग्रेस में जब भी किसी उम्मीदवार को पार्टी का टिकट मिलता है तो पार्टी की ओर से जारी विज्ञप्ति में बताया जाता है कि इस उम्मीदवार के नाम को कांग्रेस अध्यक्ष ने मंजूरी दी है। लेकिन महाराष्ट्र का जो उदाहरण सामने आया है वह साफ उन रिपोर्टों की पुष्टि करता है कि कांग्रेस एक समिति बनाकर पार्टी चलाने की व्यवस्था कायम कर चुकी है, बस उसकी औपचारिक घोषणा होना बाकी है।
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एके एंटोनी ने खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर कांग्रेस का अध्यक्ष पद ठुकरा दिया। जिसके बाद से पार्टी कोषाध्यक्ष अहमद पटेल और वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद की उत्तर भारत की तरफ निगाहें बनी हुई हैं और किसी ऐसे चेहरे की तलाश कर रहे हैं जो पार्टी को संगठन के स्तर से मजबूत कर सके। दशकों पुरानी पार्टी की मौजूदा स्थिति इस तरफ इशारा कर रही है कि राहुल गांधी अपने पद से पूर्णत: मुक्त हो गए हैं। हालांकि मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा था कि राहुल गांधी द्वारा कांग्रेस पद से इस्तीफे की पेशकश को खारिज कर दिया गया है और वह पार्टी के अध्यक्ष थे, हैं और बने रहेंगे। सुरजेवाला का दावा उस वक्त खारिज हो गया जब एके एंटोनी और वेणुगोपाल को कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर कांग्रेस ने पेश करने का विचार बनाया।
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