राहुल गांधी ने केरल में फूंका चुनावी बिगुल, भाजपा और वाम सरकार को आड़े हाथों लिया
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कम कीमत होने के बावजूद ईंधन की बढ़ती कीमतों को लेकर केंद्र और राज्य सरकारों पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि दोनों सरकारें देश में अमीरों को पैसे दे रही हैं।
तिरुवनंतपुरम। कांग्रेस ने मंगलवार को केरल विधानसभा चुनाव का बिगुल फूंक दिया। पार्टी ने एक रैली का आयोजन किया जिसमें कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केरल की सत्तारूढ़ एलडीएफ और केंद्र की भाजपा सरकार पर विवादित कृषि कानूनों और तेल की बढ़ती कीमतों को लेकर निशाना साधा। वायनाड से सांसद गांधी ने यह भी सवाल किया कि माकपा नीत सरकार पर भाजपा हमला क्यों नहीं कर रही है और ‘‘मुख्यमंत्री कार्यालय के खिलाफ मामलों पर नरम क्यों हो रही है?’’ गांधी ने यह भी कहा कि उत्तर भारत में उन्हें ‘‘अलग तरह की राजनीति’’ की आदत हो गई थी और केरल आना उनके लिए नये तरह का अनुभव है क्योंकि यहां के लोग ‘मुद्दों’ में ज्यादा दिलचस्पी रखते हैं। कांग्रेस नेता ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कम कीमत होने के बावजूद ईंधन की बढ़ती कीमतों को लेकर केंद्र और राज्य सरकारों पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि दोनों सरकारें देश में अमीरों को पैसे दे रही हैं।
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गांधी ने राज्य सचिवालय के सामने पीएससी रैंक धारकों के एक वर्ग द्वारा किये जा रहे विरोध प्रदर्शन को लेकर वाम सरकार और मुख्यमंत्री पिनराई विजयन पर निशाना साधा और दावा किया कि केरल में नौकरियां केवल माकपा कार्यकर्ताओं के लिए उपलब्ध हैं। गांधी ने आरोप लगाया कि पहले दो कानून देश के कृषि क्षेत्र को नष्ट करते हैं, वहीं तीसरा किसानों को न्याय से वंचित करता है। वह यहां विधानसभा में विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला के नेतृत्व में 22 दिवसीय ऐश्वर्या यात्रा के समापन पर आयोजित एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘पहला कानून किसानों के बाजार को नष्ट करता है। दूसरा सबसे अमीर को जितना मर्जी उतना अनाज खरीदने और असीमित जमाखोरी करने की अनुमति देना है। ये दो कानून उन्हें अनाज और सब्जियों की कीमत को नियंत्रित करने की अनुमति देते हैं।’’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘उनका (सरकार) केवल एक ही उद्देश्य है, किसान को उनकी उपज का सही मूल्य नहीं मिले, मध्यम वर्ग, किसान, श्रमिकों, सभी को अधिक भुगतान करना पड़े।’’ गांधी ने आरोप लगाया, ‘‘इसलिए लाखों किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने क्या कहा? कि वे आतंकवादी हैं।’’ कांग्रेस नेता ने ईंधन की बढ़ती कीमतों को लेकर केंद्र और राज्य सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमत कम है लेकिन भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमत बढ़ रही हैं। आपकी जेब से हर दिन हजारों करोड़ रुपये लिए जा रहे हैं। यह पैसा कहां जा रहा है? यह पैसा किसको दिया जा रहा है?’’ गांधी ने कहा, ‘‘यह इस देश के सबसे अमीर लोगों को दिया जा रहा है।’’
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वायनाड से कांग्रेस सांसद ने कहा, ‘‘हर दिन, जब आप अपने वाहन में यात्रा करते हैं, तो यह याद रखें कि केंद्र और राज्य दोनों ही आपसे पैसे लेकर इस देश के सबसे अमीर लोगों को दे रहे हैं। यह वह राजनीति है जिसे हम बदलने की कोशिश कर रहे हैं। हम गरीबों के लिए काम करना चाहते हैं।’’ गांधी ने भाजपा को निशाने पर लेते हुए सवाल किया कि वह माकपा नीत सरकार पर हमला क्यों नहीं कर रही है और ‘‘मुख्यमंत्री कार्यालय के खिलाफ मामलों पर नरम क्यों हो रही है?’’ गांधी ने कहा, ‘‘मैं हर रोज भाजपा और आरएसएस की विचारधारा से लड़ता हूं। भाजपा मेरे हर कदम पर हमला करती है। अभी, वे इस भाषण को देख रहे हैं और सोच रहे हैं कि वे मुझ पर कैसे हमला कर सकते हैं। मुझे समझ में नहीं आता, वे मुख्यमंत्री कार्यालय के खिलाफ मामलों पर नरम क्यों हैं? इसमें इतना समय क्यों लग रहा है।’’
गांधी ने कहा, ‘‘सीबीआई और ईडी सरकार पर हमले क्यों नहीं कर रही हैं। मैं भ्रमित हूं। मैं जानता हूं कि जब आप भाजपा से लड़ते हैं, तो वे 24 घंटे आप पर हमला करते हैं।’’ उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री प्रदर्शनकारियों के साथ उन मुद्दों पर चर्चा करने के लिए तैयार नहीं जो नौकरियों की मांग को लेकर ‘‘भूख हड़ताल’’ पर हैं, लेकिन अगर वे वामपंथी दलों से होते तो बातचीत करते। उन्होंने कहा, ‘‘वाम मोर्चे ने कहा कि वे केरल को परिपूर्ण बनाएंगे। प्रश्न है किसके लिए? केरल के लोगों के लिए या माकपा पार्टी के लिए ? यदि आप उनके लोगों में से एक हैं, तो आपके लिए हर एक नौकरी उपलब्ध है। यदि आप उनका झंडा उठाते हैं। ’’ बाद में वह राज्य सचिवालय के सामने प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों से मिलने पहुंचे और उनकी शिकायतें सुनी।
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गांधी ने कहा, ‘‘यदि आप एक युवा केरलवासी हैं, तो आपको नौकरी के लिए संघर्ष करना होगा।’’ गांधी ने कहा, ‘‘भाई-भतीजावाद से लड़ने का एक ही तरीका है। हड़ताल। लेकिन मुख्यमंत्री आपसे बात नहीं करने जा रहे हैं। क्यों? क्योंकि आप वाम मोर्चे से नहीं हैं। मैं आपको गारंटी देता हूं अगर वे वाम दल का हिस्सा होते तो मुख्यमंत्री ने उनसे बात की होती। हर एक नौकरी उन्हें दी जाती।’’ वहीं उन्होंने यह भी कहा, ‘‘पहले 15 साल मैं उत्तर भारत से सांसद रहा। इसलिए मुझे अलग तरह की राजनीति की आदत हो गई थी। मेरे लिए केरल आना नया अनुभव था। क्योंकि अचानक मैंने देखा कि लोग मुद्दों में दिलचस्पी रखते हैं, सिर्फ दिखावे के लिए नहीं बल्कि गहनता से उस पर विचार करते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हाल ही में मैं अमेरिका में कुछ छात्रों से बातचीत कर रहा था और मैंने उन्हें बताया कि मुझे केरल जाना, वायनाड जाना बहुत पसंद है। यह सिर्फ लगाव नहीं है। निश्चित तौर पर लगाव तो है ही, लेकिन आप जिस तरह से राजनीति करते हैं (उसके कारण)।’’
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘अगर मैं कहूं तो, आप जिस बुद्धिमानी के साथ राजनीति करते हैं। मेरे लिए यह सीखने वाला अनुभव और मजेदार है।’’ उनकी पार्टी की विधानसभा अभियान की योजनाओं में बताते हुए गांधी ने कहा कि कांग्रेस लोगों का घोषणापत्र तैयार कर रही थी और पार्टी के नेता हजारों लोगों से मिल रहे हैं और उनसे पूछ रहे हैं कि वे क्या चाहते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे घोषणापत्र में नकद रहित उपचार शामिल होगा। सभी के लिए बीमा होगा और ऐसा कुछ नहीं होगा जो मछुआरों की आजीविका को नष्ट कर दे। किसानों की जिंदगी तबाह करने के लिए कुछ नहीं होगा जैसा प्रधानमंत्री मोदी ने किया।
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