Defamation Case: राहुल की अर्जी, सुनवाई से निकलीं 3 अहम तारीखें, बीजेपी ने दिलाई नरसिम्हा राव की याद तो कांग्रेस ने 2015 का वीडियो शेयर कर दिया जवाब
लोकसभा की सदस्यता गंवाने वाले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी उपनाम टिप्पणी को लेकर आपराधिक मानहानि मामले में अपनी दोषसिद्धि और सजा को चुनौती देते हुए सत्र अदालत में एक अपील दायर की और उन्हें जमानत दे दी गई।
मानहानि के एक मामले में दो साल की सजा पाए कांग्रेस नेता राहुल गांधी को गुजरात के सूरत की एक सत्र अदालत ने सोमवार को जमानत दे दी। अदालत 13 अप्रैल को मानहानि मामले में दोषसिद्धि के खिलाफ उनकी अपील पर सुनवाई करेगी। कांग्रेस नेता ने दोषसिद्धि पर रोक लगाने और 2 साल की सजा पर रोक लगाने की मांग की थी। हालांकि, सेशन कोर्ट ने सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने कहा कि सभी पक्षों को सुने बिना ऐसा आदेश नहीं दिया जा सकता है। इस मामले को लेकर कांग्रेस और बीजेपी के बीच जोरदार जुबानी जंग हुई। ऐसे में आइए आपको बताते हैं पूरे घटनाक्रम से जुड़ी बड़ी बातें।
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कोर्ट में क्या हुआ
लोकसभा की सदस्यता गंवाने वाले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी उपनाम टिप्पणी को लेकर आपराधिक मानहानि मामले में अपनी दोषसिद्धि और सजा को चुनौती देते हुए सत्र अदालत में एक अपील दायर की और उन्हें जमानत दे दी गई। गांधी को ‘मोदी उपनाम’ के संदर्भ में उनकी 2019 की टिप्पणी के लिए निचली अदालत ने दो साल की जेल की सजा सुनाई थी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आर पी मोगेरा की अदालत ने कहा कि वह मामले में शिकायतकर्ता-भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्रीपूर्णेश मोदी को नोटिस जारी करने के बाद 13 अप्रैल को दोषसिद्धि के निलंबन के लिए गांधी की याचिका पर सुनवाई करेगी। सत्र अदालत ने प्रतिवादी (पूर्णेश मोदी) को 10 अप्रैल तक अपना जवाब दाखिल करने को कहा। अदालत उनकी दोषसिद्धि पर रोक के संबंध में 13 अप्रैल को सुनवाई करेगी।
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बीजेपी ने दिलाई नरसिम्हा राव की याद
अपील दायर करने सूरत जा रहे हैं राहुल गांधी अपील दायर करने के लिए व्यक्तिगत रूप से जाने के लिए एक दोषी की आवश्यकता नहीं है। आम तौर पर, कोई विश्वास व्यक्तिगत रूप से नहीं जाता है। उनके साथ चल रहे नेताओं और सहयोगियों के एक प्रेरक समूह के साथ उनका व्यक्तिगत रूप से जाना केवल एक नाटक है। राहुल गांधी जो कर रहे हैं वह भी अपीलीय अदालत पर दबाव बनाने की बचकानी कोशिश है। देश की सभी अदालतें ऐसे हथकंडों से अछूती हैं। जब पूर्व पीएम पीवी नरसिम्हा राव को दोषी ठहराया गया तो कांग्रेस चुप थी। पी चिदंबरम और डीके शिवकुमार को उन आरोपों के खिलाफ समर्थन नहीं मिला, जिसके लिए वे जमानत पर बाहर हैं। केवल राहुल गांधी के लिए, कांग्रेस नाटक कर रही है क्योंकि वे एक परिवार और एक व्यक्ति को भारत और उसके कानूनों से ऊपर मानते हैं।
कांग्रेस का पलटवार
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू के आरोपों पर कांग्रेस नेता श्रीनिवास बीवी ने पलटवार करते हुए कहा कि अभी से कांप क्यों रहे हो? साल 2015 में पूर्व वित्त मंत्री स्व अरुण जेटली जी केजरीवाल के खिलाफ मानहानि का केस करने पटियाला हाउस कोर्ट पहुंचे थे, उनके साथ में मोदी मंत्रिमंडल के मंत्रियों की टोली, बीजेपी के नेता भी न्यायालय पहुंचे थे। तब एकजुटता के लिए गए थे या न्यायालय पर दवाब बनाने के लिए? श्रीनिवास बीवी ने साथ ही ट्विटर पर अरुण जेटली और उनके साथ कोर्ट जाते बीजेपी नेताओं का एक पुराना वीडियो भी शेयर किया।
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