विश्वास मत के लिए निर्धारित समय सीमा पार, सीएम ने राज्यपाल की शक्ति पर उठाए सवाल
कुमारस्वामी ने कहा कि वह राज्यपाल की आलोचना नहीं करेंगे और अध्यक्ष के आर रमेश कुमार से यह तय करने का अनुरोध करता हूं कि क्या राज्यपाल को इसके लिए समय सीमा तय करने का अधिकारी है या नहीं। जैसे ही सत्ता पक्ष ने राज्यपाल के निर्देश पर आपत्ति जताई, कांग्रेस सदस्यों ने नारे लगाए, ‘‘राज्यपाल वापस जाओ।
बेंगलुरु। कर्नाटक विधानसभा शुक्रवार को मुख्यमंत्री एच. डी. कुमारस्वामी को सदन में अपना बहुमत साबित करने के लिए राज्यपाल वजुभाई वाला द्वारा निर्धारित 1.30 बजे की समय सीमा को पूरा करने में विफल रहा। यहां तक कि समय सीमा के करीब होने के बावजूद, सत्तारूढ़ गठबंधन ने राज्यपाल की शक्ति पर सवाल उठाया, जिसमें कुमारस्वामी ने उच्चतम न्यायालय के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि राज्यपाल विधानमंडल के लोकपाल के रूप में कार्य नहीं कर सकते।
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कुमारस्वामी ने कहा कि वह राज्यपाल की आलोचना नहीं करेंगे और अध्यक्ष के आर रमेश कुमार से यह तय करने का अनुरोध करता हूं कि क्या राज्यपाल को इसके लिए समय सीमा तय करने का अधिकारी है या नहीं। जैसे ही सत्ता पक्ष ने राज्यपाल के निर्देश पर आपत्ति जताई, कांग्रेस सदस्यों ने नारे लगाए, ‘‘राज्यपाल वापस जाओ।’’ जब समय सीमा समाप्त हो गई, तब भाजपा नेता बी एस येदियुरप्पा खड़े हुए और मुख्यमंत्री द्वारा पेश किए गए विश्वास मत पर वोट कराने के लिए दबाव डाला। अध्यक्ष ने कहा कि प्रक्रिया का पालन किया जाना है। चर्चा के बाद नियमों के अनुसार, अगर जोर दिया गया, तो इस पर मतदान कराया जाएगा। इसके बाद हंगामे के बीच, सदन को तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
Karnataka CM HD Kumaraswamy during trust vote debate: I have given funds to all of your districts. But you(BJP) say I am the CM of only two-three districts. That is why I am saying there should not be any hurry,let us discuss it. You are trying to destroy democracy. https://t.co/Ap9Hwsf1Um
— ANI (@ANI) July 19, 2019
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