Punjab: मान सरकार ने 19 और 20 जून को बुलाया विशेष सत्र, केजरीवाल भी हो सकते हैं शामिल, जानें कारण
केजरीवाल के 19 जून को योग शिविर में भाग लेने के लिए जालंधर आने की संभावना है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पहले कहा था कि राज्य सरकार लंबित ग्रामीण विकास कोष जारी करने के लिए अदालत जाने की योजना बना रही है।
पंजाब कैबिनेट ने 19 और 20 जून को राज्य विधानसभा का विशेष सत्र बुलाई है। आप सुप्रीमो और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पंजाब विधानसभा के दो दिवसीय विशेष सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही देखने की संभावना है, जो 19 जून से शुरू होने वाला है। बताया जा रहा है कि राज्य में ग्रामीण विकास निधि को वापस लेने के लिए सत्तारूढ़ दल भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र को निशाने पर ले सकते है। इसके अलावा आप सरकार दिल्ली में नौकरशाहों की पोस्टिंग और तबादलों पर अध्यादेश को लेकर निंदा प्रस्ताव ला सकती है।
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केजरीवाल आएंगे पंजाब
केजरीवाल के 19 जून को योग शिविर में भाग लेने के लिए जालंधर आने की संभावना है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पहले कहा था कि राज्य सरकार लंबित ग्रामीण विकास कोष जारी करने के लिए अदालत जाने की योजना बना रही है। 16वीं पंजाब विधानसभा, जिसे 22 मार्च को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया था, दोपहर 2 बजे मिलने वाली है। मान ने कहा कि कार्य मंत्रणा समिति में जो भी अन्य मुद्दे सामने आयेंगे, उन्हें मंजूरी दी जाएगी और यदि कोई प्रस्ताव लाने की जरूरत है तो उस पर भी निर्णय लिया जायेगा। यह पूछे जाने पर कि क्या ग्रामीण विकास कोष (आरडीएफ) और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत लंबित धनराशि के मुद्दे पर विशेष सत्र बुलाया गया है, मान ने कहा कि केंद्र ने धनराशि जारी करने पर रोक लगा दी है।
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पंजाब के राज्यपाल ने मुख्यमंत्री भगवंत मान को लिखा पत्र
पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र लिखकर उन पर उनके पत्रों का जवाब न देकर संवैधानिक कर्तव्य में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। राजभवन द्वारा मंगलवार को जारी एक बयान में यह जानकारी दी गई। राज्यपाल द्वारा मुख्यमंत्री के खिलाफ इसी तरह के आरोप लगाए जाने के एक दिन बाद प्रेस का बयान आया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एक ट्वीट के माध्यम से जवाब देते हुए राज्यपाल पर अपने संबोधन के दौरान ‘मेरी सरकार’ शब्द का उपयोग नहीं करके अपने संवैधानिक कर्तव्य का निर्वहन करने में विफल रहने का आरोप लगाया था। बयान के मुताबिक, राज्यपाल ने फरवरी में उच्चतम न्यायालय के एक आदेश का भी हवाला दिया जिसमें कहा गया था कि राज्यपाल को मुख्यमंत्री से सूचना मांगने का अधिकार है।
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