पीड़ित महिलाओं और बच्चों को प्राप्त विशेष अधिकारों को लेकर जन-जागरण कार्यक्रम
गंभीर अपराधों मसलन यौन अपराधों में लिप्त 16 से 18 आयु वर्ष के बालकों के खिलाफ भी वयस्क व्यक्ति की तरह सक्षम न्यायालय द्वारा विचारण करने का आदेश दिया जा सकता है। जेजे एक्ट-2015 के सेक्सन 15 व 18 में इस आशय का प्रावधान है।
भोपाल। पीड़ित महिलाओं एवं बच्चों को विशेष कानूनी अधिकार प्राप्त हैं। पुलिस मुख्यालय की महिला अपराध शाखा द्वारा महिलाओं एवं बच्चों से संबंधित इन कानूनी अधिकारों के बारे में लोगों को जागरूक किया जा रहा है। लैंगिक अपराधों से पीड़ित महिलाओं को विशेष कानूनी अधिकार हैं। पीड़ित महिला की एफआईआर महिला अधिकारी को लिखनी होती है। एफआईआर पीड़ित के निवास या पीड़ित द्वारा बताए गए वैकल्पिक स्थान पर लिखे जाने का प्रावधान है।
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गंभीर अपराधों मसलन यौन अपराधों में लिप्त 16 से 18 आयु वर्ष के बालकों के खिलाफ भी वयस्क व्यक्ति की तरह सक्षम न्यायालय द्वारा विचारण करने का आदेश दिया जा सकता है। जेजे एक्ट-2015 के सेक्सन 15 व 18 में इस आशय का प्रावधान है। पुलिस मुख्यालय की महिला अपराध शाखा द्वारा महिलाओं व बच्चों के कानूनी अधिकारों को लेकर जन जागरण के साथ-साथ पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों को पोक्सो एक्ट एवं अन्य कानूनी प्रावधानों का बारीकी से पालन करने के संबंध में समय-समय पर स्पष्ट दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।
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